Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद महायुति ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने मिलकर कुल 288 सीटों में से 230 पर जीत हासिल की। लेकिन चुनावी सफलता के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। बीजेपी ने 132 सीटें जीती हैं, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। इस महाजीत के बावजूद, महायुति के घटक दलों के बीच सत्ता के शीर्ष पद को लेकर असमंजस बरकरार है।
मुख्यमंत्री पद की रेस में प्रमुख चेहरे
1. देवेंद्र फडणवीस (बीजेपी)
बीजेपी के पास सबसे ज्यादा सीटें होने के कारण मुख्यमंत्री पद पर दावा सबसे मजबूत है। देवेंद्र फडणवीस को पार्टी का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है। फडणवीस का सियासी कद 2014-19 के मुख्यमंत्री कार्यकाल और 2024 के चुनाव में पार्टी की सफलता में उनकी अहम भूमिका से और बढ़ा है।
फडणवीस की ओर से महाराष्ट्र में बीजेपी को 89% स्ट्राइक रेट के साथ जीत दिलाने का श्रेय दिया जा रहा है। हालांकि, मराठा और ओबीसी समाज की राजनीति को ध्यान में रखते हुए बीजेपी कोई चौंकाने वाला फैसला भी ले सकती है।
2. एकनाथ शिंदे (शिवसेना)
शिंदे गुट का कहना है कि शिवसेना का चुनावी प्रदर्शन उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। शिंदे गुट को 57 सीटें मिली हैं और उनके समर्थक दोबारा सीएम बनने की मांग कर रहे हैं।
शिंदे के समर्थन में शिवसेना विधायकों ने उन्हें अपना नेता चुना। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सरनाईक, नरेश म्हस्के और दीपक केसरकर ने उनके नेतृत्व की वकालत की है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र का जनादेश शिंदे सरकार के ढाई साल के कार्यकाल पर भरोसे का प्रमाण है।
3. अजित पवार (एनसीपी)
एनसीपी के अजित पवार भी इस रेस में मजबूती से खड़े हैं। उनकी पार्टी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है और उनका स्ट्राइक रेट 77% रहा। पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने पवार को सीएम बनाने की मांग की है। हालांकि, एनसीपी के कुछ सूत्रों का कहना है कि अजित पवार डिप्टी सीएम पद से भी संतुष्ट हो सकते हैं।
दिल्ली से मुंबई तक बैठकों का दौर | Maharashtra Assembly Elections 2024
चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता लगातार बैठकों में व्यस्त हैं। रविवार को अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं, शिवसेना और बीजेपी भी अपने-अपने नेताओं के साथ मंथन कर रही हैं।
बीजेपी का विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी, जहां विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ सीएम के नाम पर अंतिम निर्णय करेगी।
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महायुति के घटक दलों की चुनौती
महायुति के घटक दल मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी के कारण एक दूसरे पर दबाव बना रहे हैं। बीजेपी के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सत्ता संतुलन बनाए रखते हुए उसका मुख्यमंत्री चुना जाए। शिवसेना और एनसीपी के नेताओं के दबाव के बीच बीजेपी के लिए निर्णय करना आसान नहीं है।
महाराष्ट्र की राजनीति का भविष्य
महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही यह खींचतान आगामी 2024 लोकसभा चुनावों पर भी असर डाल सकती है।
मुख्यमंत्री पद का अंतिम फैसला महायुति के घटक दलों के बीच सामंजस्य पर निर्भर करेगा। देखना दिलचस्प होगा कि देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच कौन महाराष्ट्र के ताज का नायक बनता है।