Sunday, November 17, 2024
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Medicines Fail In Test : Telmisartan, पैरासिटामोल समेत कई दवाई क्वालिटी टेस्ट में फेल, पढ़िए आपको काम की खबर

Medicines Fail In Test: भारत में हाल ही में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 53 दवाओं को गुणवत्ता परीक्षण में विफल घोषित किया है। इनमें कैल्शियम और विटामिन D3 सप्लीमेंट्स, डायबिटीज की गोलियां, हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं, और अन्य प्रमुख दवाइयां शामिल हैं। ये सभी दवाएं देश भर में विभिन्न प्रसिद्ध कंपनियों द्वारा निर्मित की जाती हैं। इस परीक्षण के नतीजों ने देश के चिकित्सा क्षेत्र में काफी हलचल मचाई है, क्योंकि इनमें से कई दवाएं आमतौर पर रोजमर्रा की चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जाती हैं।

CDSCO द्वारा दवाओं का परीक्षण

CDSCO हर महीने भारत के विभिन्न हिस्सों से रैंडम सैंपलिंग के माध्यम से दवाओं की गुणवत्ता की जांच करता है। इसी प्रक्रिया के तहत 53 दवाओं की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि ये दवाएं निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करती हैं। इन दवाओं को “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी” (NSQ) की श्रेणी में रखा गया है। इस सूची में विटामिन C और D3 की गोलियां Shelcal, विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन C सॉफ्टजेल, एंटासिड Pan-D, पैरासिटामोल टैबलेट IP 500 mg, डायबिटीज की दवाई Glimepiride, और हाई ब्लड प्रेशर की दवा Telmisartan जैसी प्रमुख दवाएं शामिल हैं।

ये दवाएं भारतीय बाजार में काफी प्रचलित हैं और इन्हें कई प्रमुख कंपनियां जैसे Hetero Drugs, Alkem Laboratories, Hindustan Antibiotics Limited (HAL), Karnataka Antibiotics & Pharmaceuticals Ltd, Meg Lifesciences, और Pure & Cure Healthcare द्वारा निर्मित किया जाता है। इस घटना ने मरीजों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, क्योंकि ये दवाएं व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं और इनकी गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता संभावित रूप से स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है।

पैरासिटामॉल और Pan D से संबंधित चिंताएं

इस सूची में पैरासिटामोल और Pan D जैसी दवाएं भी शामिल हैं, जो आमतौर पर दर्द निवारण और पेट की बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं। पैरासिटामोल टैबलेट्स को Karnataka Antibiotics & Pharmaceuticals Ltd द्वारा निर्मित किया गया है और Pan D, जो कि एंटासिड के रूप में प्रयोग की जाती है, उसे Alkem Laboratories द्वारा निर्मित किया गया है। इन दवाओं की विफलता ने मरीजों को विशेष रूप से चिंतित कर दिया है, क्योंकि ये रोजमर्रा की दवाओं में से एक हैं।

इसके अलावा, पेट के संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा Metronidazole भी इस परीक्षण में विफल रही। यह दवा Hindustan Antibiotic Limited (HAL) द्वारा निर्मित की जाती है और पेट के संक्रमण के मामलों में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है। Metronidazole की गुणवत्ता में कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है, क्योंकि यह दवा गंभीर संक्रमणों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है।

बच्चों की दवाएं भी शामिल

परीक्षण में विफल होने वाली दवाओं की सूची में बच्चों को दी जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं। हैदराबाद स्थित Hetero Drugs की Cepodem XP 50 Dry Suspension, जो बच्चों को गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए दी जाती है, को घटिया गुणवत्ता का पाया गया है। यह दवा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और इसकी गुणवत्ता में कमी संभावित रूप से बच्चों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

नकली दवाओं का मामला

जांच के दौरान कुछ दवाओं के निर्माताओं ने यह दावा किया है कि उनकी दवाओं के कुछ बैच नकली हो सकते हैं। कोलकाता की एक ड्रग-टेस्टिंग लैब ने Alkem Health Science द्वारा निर्मित एंटीबायोटिक्स Clavam 625 और Pan D को नकली घोषित किया है। यह आरोप लगाया गया है कि इन दवाओं का परीक्षण किए गए बैच असली नहीं हैं और नकली उत्पाद हो सकते हैं। इसी प्रकार, Shelcal और अन्य दवाओं के निर्माताओं ने भी इस बात का दावा किया है कि उनके द्वारा दिए गए सैंपल्स नकली हो सकते हैं और उन्होंने इन दवाओं की गुणवत्ता पर कोई जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है।

यह घटना भारत के दवा बाजार में नकली दवाओं की बढ़ती समस्या की ओर भी संकेत करती है। नकली दवाओं का उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, बल्कि यह मरीजों के इलाज के परिणामों को भी प्रभावित कर सकता है। सरकार और CDSCO इस मुद्दे की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और नकली दवाओं की समस्या पर नकेल कसने के लिए कदम उठा रहे हैं।

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गुणवत्ता नियंत्रण के उपाय

भारत सरकार और CDSCO लगातार दवाओं की गुणवत्ता पर नजर रख रहे हैं और देश भर में दवाओं की गुणवत्ता की जांच करने के लिए रैंडम सैंपलिंग प्रक्रिया को मजबूत कर रहे हैं। इसके तहत हर महीने दवाओं के विभिन्न बैचों का परीक्षण किया जाता है, ताकि बाजार में नकली या घटिया दवाओं का प्रवेश रोका जा सके। इसके साथ ही, ड्रग कंट्रोलर ने दवाओं के परीक्षण में विफल होने वाली कंपनियों से जवाब भी मांगे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवा निर्माण प्रक्रिया में कोई गलती न हो।

156 दवाओं पर लगा था प्रतिबंध

यह पहली बार नहीं है जब CDSCO ने दवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हो। अगस्त 2023 में, CDSCO ने 156 से अधिक फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। यह कार्रवाई इसलिए की गई थी क्योंकि इन दवाओं को जोखिम भरा माना गया था। इन दवाओं में बुखार, दर्द निवारक और एलर्जी की गोलियां शामिल थीं। इस प्रतिबंध के बाद देश भर में डॉक्टरों और मरीजों को अलर्ट किया गया था, ताकि वे इन दवाओं का इस्तेमाल बंद कर दें।

उपभोक्ताओं के लिए सावधानी

इस स्थिति को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि मरीज और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इन दवाओं का उपयोग करते समय सतर्क रहें। यदि किसी दवा का उपयोग करते समय कोई संदेह उत्पन्न होता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें और वैकल्पिक दवा की मांग करें। नकली या घटिया दवाओं का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, और यह जरूरी है कि दवाओं की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जाए।

CDSCO और अन्य संबंधित सरकारी एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं कि बाजार में केवल उच्च गुणवत्ता वाली और सुरक्षित दवाएं ही उपलब्ध हों।

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