Recently updated on October 3rd, 2024 at 11:58 am
Vishwakarma Puja 2024:भारत देश अलग-अलग तरह के त्योहारों की भूमि है। यहाँ कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। सभी त्योहारों का अपना अलग महत्व होता है। हर त्योहार को किसी न किसी भगवान से जोङा जाता है। ऐसा ही एक त्योहार हर साल सितंबर के महीने में भी आता है जो विश्वकर्मा देवता को समर्पित होता है।
विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है
इस दिन को विश्वकर्मा पूजा या विश्वकर्मा जयंती के नाम से जाना जाता है। हम सब जानते हैं कि सृष्टि की रचना ब्रह्मा जी ने की है। लेकिन इस सृष्टि का निर्माण करने वाले के बारे में शायद ही कोई जानता होगा। सृष्टि की रचना करने के बाद विश्वकर्मा जी ने इस पूरी सृष्टि में कई निर्माण कार्य किए।
निर्माण और सृजन के देवता विश्वकर्मा
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा देव को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। पौराणरक मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा देव ब्रह्मा जी के सांतवे पुत्र थे। विश्वकर्मा दो शब्दों से मिलकर बनता है। विश्व का अर्थ है दुनिया और कर्मा का अर्थ है बनाने वाला या निर्माण करने वाला। विश्वकर्मा देव के द्वारा पूरी दुनिया का निर्माण किया गया इसलिए इनका नाम विश्वकर्मा रखा गया। विश्वकर्मा देव ने सृष्टि की कई अद्भुत और अतुल्नीय वस्तुओं का निर्माण किया।
विश्वकर्मा देव केवल सुंदरता के आधार पर ही चीजों का निर्माण नहीं करते थे। वह वास्तु के आधार पर भी रचनाएँ करते थे। विश्वकर्मा जी को सृष्टि का सबसे पहला वास्तुकार और शिल्पकार कहा जाता है। प्राचीन शास्त्रों में वास्तु शास्त्र का ज्ञान, यंत्र निर्माण विद्या, विमान विद्या और शस्त्र निर्माण विद्या आदि के बारे में भगवान विश्वकर्मा ने ही जानकारी दी थी।
विश्वकर्मा देव की रचनाएँ | vishwakarma puja 2024
शास्त्रों और पुराणों में विश्वकर्मा देव के द्वारा रचित कई अमुल्य वस्तुओं और शिल्पों के निर्माण का वर्णन मिलता है। जिनमें से कुछ मुख्य के नाम है।
विश्वकर्मा देव के द्वारा वास्तु शास्त्र के आधार पर बनाए गए नगर
रावण की लंका।
पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी और उनकी माया सभा।
युद्ध का मैदान कुरुक्षेत्र।
श्री कृष्ण की द्वारका।
कलयुग की जगन्नाथ पुरी।
विश्वकर्मा देव के द्वारा बनाए गए अद्भुत शस्त्र और हथियार
यमराज का कालदंड।
भगवान शिव का त्रिशूल।
भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र।
रावण का पुष्पक विमान।
विश्वकर्मा जंयती का महत्व | vishwakarma jayanti 2024
विश्वकर्मा देव को अस्त्र-शस्त्र और औजारों का देवता माना जाता है। जो भी औजार किसी वस्तु या अन्य चीज का निर्माण करता है। वह विश्वकर्मा देव का अस्त्र माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती एकमात्र ऐसा पर्व है जो घरों और मंदिरों में मनाया जाता। यह पर्व ऐसी जगह मनाया जाता है जहाँ कोई निर्माण कार्य होता हो जैसे फैक्ट्री और कारखाने। विश्वकर्मा जयंती के दिन कारखानों और कार्यालयों में मशीनों और औजारों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा जयंती के दिन अपने व्यवसाय की पूजा करने से व्यवसाय में लक्ष्मी माता की कृपा और तरक्की होती है।
जिन मशीनों और औजारों की इस दिन पूजा की जाती है उनके निर्माण के कार्य हमेशा शुभ और फल देने वाले होते हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन सभी फैक्ट्री, कार्यालय, कारखानें और निर्माण कार्य करने वाले स्थल बंद रहते हैं। माना जाता है कि उस दिन सभी उपकरणों में भगवान विश्वकर्मा उपस्थित होते हैं इसलिए उस दिन केवल उनकी पूजा की जाती है। किसी भी निर्माण अस्त्र से काम न करके उन्हें बंद रखा जाता है और केवल आराम दिया जाता है।