Friday, November 22, 2024
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Nawab Singh Yadav : सपा नेता नवाब सिंह यादव पर लगा नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप, सपा और भाजपा भिड़ी

Nawab Singh Yadav: कन्नौज जिले में हाल ही में एक घटना ने पूरे राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव, जो लगभग 50 वर्ष के हैं, को एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई और इसने न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। बीजेपी और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिसमें दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने यूपी की राजनीति को गर्मा दिया है।

Kannauj: पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव गिरफ्तार, नाबालिग से रेप के प्रयास का आरोप, BJP ने सपा को घेरा - kannauj former block chief nawab singh yadav arrested-mobile

क्या है मामला ?

पुलिस के अनुसार, कन्नौज के कोतवाली क्षेत्र में चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय के प्रबंधक और सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव को रविवार देर रात दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया। घटना उस समय की है जब नाबालिग लड़की महाविद्यालय में थी। पुलिस को यह सूचना मिली कि नवाब सिंह यादव ने लड़की के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

एसपी अमित कुमार आनंद के अनुसार, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया और उसके बयान दर्ज किए गए हैं। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि जब उसकी बुआ शौचालय गई थीं, तभी नवाब सिंह यादव ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। पीड़िता ने बताया कि जैसे ही उसकी बुआ वापस आईं, उन्होंने आरोपी को उसके अंत:वस्त्र में देखा और तुरंत 112 नंबर पर कॉल किया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी को आपत्तिजनक हालत में हिरासत में ले लिया।

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सपा और बीजेपी ने एकदूसरे पर साधा निशाना

इस घटना ने राजनीति में भी बवाल मचा दिया है। बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाते हुए सपा पर निशाना साधा है। बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि नवाब सिंह यादव कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वे सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव के करीबी सहयोगी रह चुके हैं। त्रिपाठी ने नवाब सिंह यादव को सपा का नेता बताते हुए कहा कि यह घटना सपा के नेताओं के चरित्र को उजागर करती है।

हालांकि, सपा के जिलाध्यक्ष कलीम खां ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि नवाब सिंह यादव अब सपा का हिस्सा नहीं हैं और लगभग पांच वर्षों से वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। कलीम खां के अनुसार, यादव को पार्टी से निकाल दिया गया था और अब वे पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं। उन्होंने इसे सपा को बदनाम करने की साजिश करार दिया।

नवाब सिंह ने आरोपों पर क्या कहा ? 

नवाब सिंह यादव ने भी अपने बचाव में आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने दावा किया कि पीड़िता की मां पहले सपा में थीं, लेकिन अब वे बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं, और यह साजिश उन्हीं की तरफ से रची गई है। यादव ने कहा कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है ताकि उनका राजनीतिक करियर खत्म किया जा सके।

नवाब सिंह यादव के समर्थकों ने भी इस घटना के बाद कोतवाली का घेराव किया और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की। इस घटना से साफ है कि नवाब सिंह यादव के समर्थन में भी लोग खड़े हैं, जो उनके निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं।

राजनीतिक दांव-पेंच और आरोपों की गंभीरता

इस घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। बीजेपी और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है। बीजेपी जहां इसे सपा के चरित्र का हिस्सा बता रही है, वहीं सपा इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रही है। इस बीच, पीड़िता और उसकी मां को न्याय दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई जारी है।

यह घटना सपा और बीजेपी के बीच की पुरानी दुश्मनी को फिर से उजागर कर रही है। दोनों दलों के नेता इस मुद्दे को अपने-अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। जहां बीजेपी इस घटना को सपा की कमजोरी के रूप में पेश कर रही है, वहीं सपा इसे बीजेपी की साजिश बता रही है। दोनों पक्षों के आरोपों और प्रत्यारोपों से साफ है कि यह मामला केवल एक आपराधिक घटना तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले दिनों में यह राजनीतिक मुद्दा भी बनेगा।

सपा ने इस मामल में क्या कहा ?  

सपा के जिलाध्यक्ष कलीम खां ने साफ किया है कि नवाब सिंह यादव का सपा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यादव लगभग पांच वर्षों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। खां ने कहा कि सपा की छवि को धूमिल करने के लिए इस घटना को सपा से जोड़ा जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।

कलीम खां का बयान यह दर्शाता है कि सपा किसी भी हाल में इस मामले को अपने साथ नहीं जोड़ना चाहती। पार्टी ने इस घटना से खुद को दूर करते हुए साफ कर दिया है कि यह यादव का व्यक्तिगत मामला है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह सपा की एक रणनीति हो सकती है ताकि वह इस मामले से खुद को बचा सके और बीजेपी के हमलों का सामना कर सके।

कानूनी प्रक्रिया और आगे का रास्ता

इस मामले में कानूनी प्रक्रिया जारी है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपी पर गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि, आरोपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है।

आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया से ही यह साफ हो पाएगा कि इस मामले में सच्चाई क्या है। पीड़िता के आरोपों और आरोपी के बचाव के बीच कानूनी प्रक्रिया ही इस मामले का निपटारा करेगी। हालांकि, यह मामला केवल कानूनी प्रक्रिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके राजनीतिक असर भी देखने को मिलेंगे।

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