Punjab News: पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेश कुमार भावरा ने मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भगवंत मान सरकार के खिलाफ दबाव डालने का आरोप लगाया है। दरअसल, भावना ने अर्जी दाखिल कर मान सरकार पर अवैध काम करने तथा गलत ढंग से उनके पद से हटाने का आरोप लगाया है। बता दें कि भावरा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए कानून के उल्लंघन को लेकर डीजीपी पद से अपने निष्कासन को चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की है।
पूर्व डीजीपी ने मान सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्व डीजीपी ने जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच के समक्ष अर्जी में कहा गया कि इस सरकार ने मार्च 2022 में सत्ता संभाली थी, उसके बाद से ही मेरे ऊपर दबाव था कि पद छोड़ दूं। इस सरकार ने आते ही उन्हें पद से हटा दिया। भावरा ने कहा कि इस सरकार ने जैसे ही चार्ज लिया तो मेरे ऊपर दबाव बनाया जाने लगा कि पद से इस्तीफा दे दूं। ऐसा दबाव महज इसलिए डाला जा रहा था क्योंकि उनकी नियुक्ति पिछली सरकार ने की थी।
मान सरकार ने पूर्व डीजीपी पर बनाया दबाव?
उन्होनें आगे कहा कि मान सरकार ने मुझसे अवैध कामों को करने को कहा था। इसके अलावा सत्ता में आते ही भगवंत मान सरकार ने उनसे कहा था कि वे इस्तीफा दे दें। इसके अलावा महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने को भी कहा गया। बता दें कि भावरा का कहना है कि उनकी नियुक्ति एकदम वैध थी। यूपीएससी की ओर से तय नियमों के आधार पर ही उन्हें डीजीपी बनाया गया था। लेकिन उस वक्त किसी नियम का पालन नहीं हुआ, और जबरदस्ती पद से हटा दिया गया। अदालत ने अब केस की अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की है।
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