Dy Chandrachud : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने सख्त फैसलों और टिप्पणियों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। उन्होंने कहा की इस बार वकीलों की ये हरकत पर टिप्पणी करते हुए उसे चिंताजनक बताया है।आगे कहा कि न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह तारीफ के साथ ही आलोचना भी स्वीकार कर सकती हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि बार के पदाधिकारियों और सदस्यों को न्यायिक निर्णयों पर प्रतिक्रिया देते वक्त यह नहीं भूलना चाहिए कि वे अदालत के अधिकारी हैं, आम आदमी नहीं।चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ नागपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए ,उन्होंने कहा कि एक संस्था के रूप में बार न्यायिक स्वतंत्रता, संवैधानिक मूल्यों और अदालत की प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए जरूरी है। आगे चीफ जस्टिस ने कहा की ‘न्यायपालिका बार-बार अपनी स्वतंत्रता और गैर-पक्षपातपूर्णता, कार्यपालिका और निहित राजनीतिक हित से शक्ति के पृथक्करण के लिए आगे आई है।
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हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बार की स्वतंत्रता के बीच गहरा संबंध होता है। एक संस्था के रूप में बार सदस्यों को बार की स्वतंत्रता ,न्यायपालिका की स्वतंत्रता, संवैधानिक मूल्यों और अदालत की गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।एक जीवंत और तर्कपूर्ण लोकतंत्र में अधिकांश लोगों का एक राजनीतिक विचारधारा या झुकाव होता है। अपने सम्बोधन को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा की बार के सदस्यों के लिए, किसी की सर्वोच्च निष्ठा पक्षपातपूर्ण हित के साथ नहीं बल्कि अदालत और संविधान के गरिमा के प्रति होनी चाहिए।