Cricket Story : क्रिकेट मैच के दौरान अंपायरों के लिए कई बार फैसले लेने आसान नहीं होते हैं। कई बार उसके लिए उन्हें काफी सोच विचार भी करना पड़ता है। एक ऐसा ही किस्सा क्रिकेट मैच के दौरान देखा गया था जहां अंपायर को फैसले तक पहुंचने के लिए काफी सोच-विचार करना पड़ा। दरअसल, यह किस्सा है साल 1969 का. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमें आमने-सामने थी। न्यूजीलैंड के क्रिकेटर ब्रूस मुरे एक हाथ में केले होने के बावजूद कैच पकड़ लिया। अब अंपायर का फैसला क्या होगा? इसके लिए सभी अंपायर को काफी देर तक देखते रहे कि आखिर उसे एक फेयर कैच माना जाएगा या नहीं…
उस मैच में हुआ क्या था?
पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ढ़ाका में टेस्ट मैच खेला जा रहा था। न्यूजीलैंड के कप्तान ग्राहम डाउलिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। न्यूजीलैंड की फील्डिंग के दौरान मुरे थर्ड मैन पर फील्डिंग कर रहे थे। उस दौरान स्टेडियम में मौजूद दर्शक मुरे पर फल फेंके जा रहे थे। इसके बाद वह अपने कप्तान के पास गए। कीवी कप्तान ने अंपायर शुजाउद्दीन सिद्दीकी और दाऊद खान से शिकायत की और कहा कि अगर ऐसा जारी रहा तो उनकी टीम वॉक आउट कर देगी।
मना करने के बावजूद दर्शकों ने फेंका फल
इसके बावजूद दर्शकों का फल फेंकना जारी रहा। मैच थोड़ा आगे बढ़ा ही था कि एक केला सीधे मुरे की गर्दन पर आ लगा। उस वक्त गेंदबाजी डेल हैडली कर रहे थे। मुरे ने केला उठाया और पिच की ओर भागने लगे। उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि खेल चल रहा है। जब डाउलिंग ने तेजी से भागे आ रहे मुरे को देखा तो वे गेंदबाज हैडली की तरफ रुकने के लिए चिल्लाए- तब तक वे अपना रन-अप शुरू कर चुके थे।
अंपायर के फैसले ने सभी को चौंकाया
मुरे दौड़े भागे आ रहे थे, जैसे उस फील्डिंग पोजीशन पर आए थे कि सामने से गेंद आ गई, मुरे ने डाइव लगाकर शानदार कैच पकड़ लिया, फिर क्या था… न्यूजीलैंड के फील्डर खुशी से उछल पड़े, लेकिन अंपायर ने कैच मानने से इनकार कर दिया और डेड बॉल करार दिया। हालांकि, कुछ लोगों का मानना था कि अंपायर को उसे कैच आउट करार देना चाहिए था। लेकिन अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला और अपने फैसले पर बने रहे।
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