Shakib vs Mathews : क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में जो पहले कभी नहीं हुआ था वो बांग्लादेश बनाम श्रीलंका मैच के दौरान देखने को मिला और पूरे क्रिकेट जगत में खलबली मच गई। सोमवार को खेले गए मुकाबले में श्रीलंका के खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूज टाइम आउट होने वाले पहले खिलाड़ी बने। जी हां, बिना एक भी गेंद का सामना किए श्रीलंकाई बल्लेबाज आउट करार दे दिए गए। सोशल मीडिया पर इस पर को लेकर बहस छिड़ गई है। कई लोगों का मानना है कि ये सब नियम के अनुरुप हुआ है। हालांकि, कुछ लोग इसे खेल भावना के विपरीत बताकर बांग्लादेशी कप्तान को ट्रोल भी कर रहे हैं। आइए समझते हैं कि मैच के दौरान हुआ क्या था ?
BAN vs SL : मैथ्यूज को दिया गया टाइम आउट
दरअसल, श्रीलंकाई पारी के दौरान 25वें ओवर में सदीरा समराविक्रमा के आउट होने के बाद श्रीलंका के बल्लेबाज एंजलो मैथ्यूज बल्लेबाजी करने आए थे। एंजलो मैथ्यूज के हेलमेट में समस्या थी, जिस वजह से उनके स्ट्राइक लेने में देरी हुई। मैथ्यूज के पास पहले गेंद को फेस करने के लिए दो मिनट का समय था, लेकिन उससे ज्यादा देर हो गई, जिसके बाद बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टाइम आउट की अपील की। अंपायर ने इसे लेकर काफी देर तक आपस में चर्चा की और उसके बाद मैथ्यूज को आउट करार दिया।
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शाकिब को इस बात का नहीं है मलाल
अब इस चीज को पूरी तरह अनैतिक बताकर बांग्लादेश के कप्तान शाकिब की खूब आलोचना की जा रही है। हालांकि, खुद शाकिब ने ये साफ कर दिया है कि उन्हें इस फैसले का कोई मलाल नहीं है। उन्होनें जो किया है वो नियम के अन्तर्गत था। अगर परेशानी है तो आईसीसी को इस नियम में बदलाव करना चाहिए। ये बात शाकिब ने मैच के बाद कही। शाकिब अल हसन ने कहा कि उन्हें अपने फैसले का कोई मलाल नहीं है क्योंकि यह नियमों के अनुसार है। उन्होनें कहा कि हमारा एक फील्डर मेरे पास आया और कहा कि अगर आप अपील करते हैं तो नियम कहता है कि वह आउट है, क्योंकि उसने ज्यादा टाइम लिया है। फिर मैंने फिर मैंने अंपायर से अपील की। इसके बाद अंपायर ने मैथ्यूज को आउट दे दिया।
ऑलराउंडर खिलाड़ी ने बताया कि उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज टाइम आउट होने के बाद मेरे पास आए थे और मुझसे पूछा कि क्या मैं अपनी अपील वापस लेना चाहूंगा या नहीं। मैंने कहा कि मैं आपकी स्थिति को समझता हूं लेकिन मैं अपील वापस नहीं लेना चाहता। खेल भावना से जुड़े सवाल पर शाकिब ने कहा कि अगर ऐसा है तो आईसीसी को इस पर गौर करना चाहिए और नियम को बदल देना चाहिए।
मैथ्यूज ने बांग्लादेशी टीम पर किया पलटवार
मैथ्यूज ने भी इस पर जवाब करते हुए शाकिब और बांग्लादेशी टीम पर पलटवार किया है। उन्होनें कप्तान और बांग्लादेशी टीम को गलत बताया। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैथ्यूज ने कहा- मैंने कुछ गलत नहीं किया। जब मेरे हेलमेट का स्ट्रिप टूटा तब भी दो मिनट होने में पांच सेकंड रहते थे। यह पूरी तरह उपकरण के अचानक बिगड़ने का मामला था। मेरे पास वीडियो का प्रूफ है। शाकिब और बांग्लादेश ने पूरी तरह से गलत किया है। यह पूरी तरह से खेल की छवि के खिलाफ है। मैं आज के बाद शाकिब और बांग्लादेश की इज्जत नहीं कर पाऊंगा। यहां तक अंपायर को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए था। एक तरफ क्रिकेटरों की सुरक्षा की बात की जाती है। अगर मेरा हेलमेट बिगड़ गया था तो मैं गेंदबाज के सामने बिना हेलमेट के कैसे खेल सकता था।
माइकल वॉन समेत कईयों ने खड़े किए सवाल
शाकिब के बर्ताव को लेकर हर कोई हैरान था। मैच में कॉमेंट्री कर रहे मोहम्मद कैफ मैथ्यूज को लौटते देख भड़क उठे। उन्होंने कॉमेंट्री के दौरान कहा कि यह शर्मनाक है। माइकल वॉन ने भी सवाल खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर लिखा कि यह एक नया मामला है। वॉन के अलावा पीयूष चावला और संजय बांगड़ ने भी शाकिब के इस रवैये पर आपत्ति जताई। चावला ने गेंदबाज का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि मैच के दौरान किसी बॉलर के जूते में कोई समस्या आ जाए और वह उसे बदलने के लिए समय लेगा तो उस कंडीशन में क्या होगा?
हर्षा भोगले शाकिब से सपोर्ट में उतरे
हालांकि, शाकिब के इस रवैये को लेकर तथा अंपायर के फैसले को लेकर कुछ लोग सपोर्ट भी कर रहे हैं। भारत के जाने-माने कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने शाकिब के सपोर्ट में एक ट्वीट किया है। एक्स पर उन्होंने लिखा, “आपको अंपायरों पर विश्वास करना होगा.. नियम की अज्ञानता करना कोई बचाव नहीं है। शाकिब को अपील करने का अधिकार था। यह तय करना हमारा काम नहीं है कि उसे अपील करनी चाहिए या नहीं..यह उसका निर्णय है। यदि मैथ्यूज ने पूछा होता कि क्या वो हेलमेट बदल सकता है तो मुझे यकीन है कि कोई अपील नहीं होती। भोगले ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ” यहां हमें क्रिकेट की भावना को छोड़ना होगा। ये सवाल उनके द्वारा उठाए जाते हैं जिनके पास तर्क कम होते हैं और जो अज्ञानी होते हैं। हमारे पास नियम है और आप उसके साथ ही खेल रहे होते हैं। मैथ्यूज और श्रीलंकाई फैंस निराश और नाराज हो सकते हैं लेकिन खेल के नियमों के अनुसार, वह आउट था।”
फोर्थ अंपायर ने ग्राउंड अंपायर के फैसले को बताया सही
आपको बताते चलें कि ये मामला फोर्थ अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक के पास भी पहुंचा था। हालांकि, उन्होनें ग्राउंड अंपायर के फैसले को सपोर्ट किया। उन्होनें बताया कि जब मैथ्यूज के हेलमेट का स्ट्रैप टूटा, तब तक दो मिनट की अवधि समाप्त हो चुकी थी। इसके बचाव में एंजलो मैथ्यूज ने एक वीडियो पोस्ट किया है। वहीं, बांग्लादेशी पारी के दौरान मैथ्यूज ने शाकिब को आउट किया था। इसके बाद मैथ्यूज ने शाकिब की ओर देखते हुए घड़ी दिखाई थी और टाइम आउट का इशारा किया था। यहां तक कि मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने एक दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाया था।
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