टेक्नोलॉजी की दुनिया में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रोज नई-नई चीजे ईजाद और अपडेट किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ओपनएआई का चैटबॉट ChatGPT आया जिसके बाद नए ढंग से वेब सर्चिंग शुरू हो गई। अब हमें किसी प्रश्न का जवाब बहुत ही सुदृढ़ और संक्षेप में मिल जाता है। यहां तक कि ChatGPT किसी के लिए लव लेटर लिख रहा है तो किसी की लीव की एप्लिकेशन लिख रहा है। इतना ही नहीं ChatGPT स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए नोट्स भी खूब बना रहा है और अब तो इसने परीक्षा में शामिल होना भी शुरू कर दिया है। वहीं बिंग एआई का भी यही काम है। जो काम चैटजीपीटी कर सकता है वो काम बिंग एआई भी कर रहा है। लेकिन ये बिंग एआई, ChatGPT से भी एक कदम आगे है।
UPSC की परीक्षा में हो गया फेल
मालूम हो कि कुछ दिनों पहले चैटजीपीटी ने अमेरिका में मेडिकल टेस्ट पास किया था। हालांकि, ChatGPT ने भारत में अपना दम नहीं दिखा पाया। ChatGPT संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में फेल हो गया। दरअसल, चैटजीपीटी का यूपीएससी टेस्ट एनालिटिका इंडिया मैगजीन ने लिया था। परीक्षण के दौरान ChatGPT से UPSC 2022 प्रीलिम्स पेपर 1, सेट ए से 100 प्रश्न पूछे गए थे। इनमें से केवल 54 प्रश्नों का सही उत्तर दिया गया था।
2021 अमेरिकी सिविल सेवा आयोग परीक्षा के लिए कटऑफ स्कोर 87.54% था। यहां इसका स्कोर कटऑफ से कम है इसलिए कहा जा सकता है कि ChatGPT परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया। परीक्षा के कुछ प्रश्न भूगोल, अर्थशास्त्र, इतिहास, पारिस्थितिकी, विज्ञान और वर्तमान घटनाओं के बारे में पूछे गए थे।गौरतलब है कि इन सवालों के जवाब इंटरनेट पर पहले से ही उपलब्ध हैं।
चैटजीपीटी बनाम बिंग चैट: दोनों के बीच समानताएं
एआई टूल जटिल विषयों को सरल भी बना सकते हैं और पूरी किताब को भी सारांशित कर सकते हैं। भले ही दोनों एक समान दिखते हों, लेकिन चैटजीपीटी और बिंग चैट में कई असमानताएं भी हैं। समानताओं की बात करें तो दोनों चैटबॉट्स में ऐसा टेक्स्ट जनरेट करने की क्षमता है, जो ऐसा लगता है कि इसे किसी इंसान ने ही लिखा है। यानी एआई द्वारा लिखे टेक्स्ट और किसी इंसान द्वारा लिए टेक्स्ट में फर्क करना काफी मुश्किल है।
चैटजीपीटी बनाम बिंग चैट: असमानताएं
बिंग चैट चैटजीपीटी से बेहतर है क्योंकि यह वास्तविक समय में जानकारी के लिए इंटरनेट पर खोज कर सकता है, जो आपको गलतियां करने से बचने में मदद कर सकता है। हालांकि, चैटजीपीटी हमेशा अपनी प्रतिक्रियाओं के स्रोतों को नीचे शामिल नहीं करता है, जो कि उतना सटीक नहीं हो सकता है।
यदि आपको किसी डेटा बिंदु की सटीकता सत्यापित करने में समस्या हो रही है, तो आपको समस्या हो सकती है। हमने एआई के साथ ऐसा बहुत बार देखा है, जहां सूचना सही लगती थी लेकिन चैटबॉट परेशान हो जाता था। और कई बार चैटबॉट्स गलत जवाब देते हैं। ऐसी स्थिति में सूचना के स्रोतों का हवाला देना महत्वपूर्ण है।