हरियाणा के हिसार से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक 8 साल की बच्ची को अगवा कर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया। इतना ही नहीं दरिंदे ने हवस की प्यास बुझाने के बाद मासूम बच्ची की हत्या कर दी। पुलिस ने बच्ची के शव को रविवार को जमीन से बरामद किया। पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, आरोपी ने 48 घंटे पहले बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया और बच्ची की हत्या को अंजाम देकर उसके शव को जमीन में दबाकर उसके ऊपर पत्ते डाल दिए। पुलिस ने आरोपी सुंदरनगर निवासी मोनू के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म , कुकर्म, हत्या और शव को खुर्दबुर्द करने के आरोपी में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार सुबह बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पहले अपहरण
मृतक बच्ची के पिता मूलरूप से नेपाल निवासी है। वह शहर में एक पीजी में कुक है। उन्होंने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, उसकी 8 साल की बेटी 10 फरवरी की शाम 6:30 बजे से घर से बाहर साइकिल चला रही थी। तभी अचानक से वो लापता हो गई। पीड़ित पिता ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में लिखवाई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए बच्ची की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले, लेकिन कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा। वहीं रविवार जब पुलिस ने हैफेड के गोदाम की तरफ की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, तो उन्हें एक व्यक्ति बच्ची को ले जाता दिखा था। उसके बाद ब्लू बर्ड के सामने झाड़ियों में उसकी तलाश की गई। जहां बच्ची का शव जमीन में पत्तों से घिरा मिला। बच्ची का शव अर्धनग्न हालत में था। पुलिस ने शव को कब्जे में कर मामले की जांच शुरू कर दी।
वारदात के बाद घर जाकर सो गया आरोपी
पुलिस के मुताबिक बच्ची के शव को दफनाने के बाद आरोपी मोनू घर वापिस आकर चैन की नींद सो गया। पुलिस ने आगे बताया कि, आरोपी 2 बच्चों का पिता है। लोगों का कहना है कि आरोपी नशे का आदी है। आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, कुकर्म, हत्या और शव को खुर्दबुर्द करने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ जारी है।
सरेआम दी जाए फांसी : पिता
मृत बच्ची के पिता ने कहा कि और किसी बेटी के साथ ऐसी घटना ना हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए इस दरिंदे को सरेआम फांसी दी जाए। इंसान के रूप में छिपे ऐसे दरिंदों को कानून की तरफ से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इन दरिंदों को जीने का कोई अधिकार नहीं है।