बैंकिंग सर्विस कई तरह की उपलब्ध हैं। बैंकिंग सर्विस में सबसे ज्यादा प्रचलित ऑनलाइन सर्विस है। ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल आसान है लेकिन, बड़े लेन-देन के लिए ग्राहकों को बैंक के काम के लिए एक अलग से व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है। बैंक यह सुविधा बैंक में ही देता है, क्या है तरीका जान लीजिए।
ऑनलाइन बैंकिंग सेवा यूं तो कई तरह की सेवा अपने ग्राहकों को देती है। बैंक से लेन-देन करना ऑनलाइन सेवा के साथ बेहद आसान भी है, लेकिन बड़े लेन-देन या फिर रोज होने वाले लेनदेन के लिए ऑनलाइन सेवा में काफी समय एक बिजी व्यक्ति या व्यपारी का चला जाता है।
इस समस्या से समधान के लिए देश के सभी बैंकों में एक सुविधा होती है। इस सुविधा को कहा जाता है पर्सनल बैंकिंग मैनेजर सेवा। यह सेवा बैंक उन ग्राहकों को देता है जिनका लेन-देन रोज होता है। यह सुविधा खासतौर पर व्यापारी और उन लोगों को दी जाती है जिनका लेन-देन काफी होता है।
बैंकिंग मैनेजर सेवा
यह सेवा यूं तो चुनिंदा ग्राहकों को ही मिलती है। इस सेवा का एक निश्चित शुल्क भी होता है। यह शुल्क दो तरह से ग्राहक को ऑफर किया जाता है। महीने की एकमुश्त फीस के तौर पर औऱ प्रति ट्राजेक्शन। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ग्राहक का लेन-देन कितना बड़ा है। अमूमन यह इस बात पर है कि ग्राहक और बैंक के बीच इस आदान प्रदान में कितना लेन-देन हो रहा है।
कैसे मिलती है बैंकिंग मैनेडर सेवा
यह सेवा यूं तो बैंक मैनेजर से मिलकर ग्राहक हासिल कर सकता है। यह सेवा बैंक में एक आवेदन या फिर ऑनलाइन अप्लाई करके भी प्राप्त की जा सकती है। बेहतर यही होता है कि बैंक के मैनेजर से मिलकर इस सेवा को लिया जाए। क्योंकि ऐसे करने से इस सेवा पर लगने वाले शुल्क की सही जानकारी ग्राहक को मिलती है।
क्या काम करता है बैंकिंग मैनेजर
बैंकिंग मैनेजर, ग्राहक के सभी चेक की समय पर क्लीयरेंस, डॉफ्ट या ओवर डॉफ्ट पर नजर रखता है। वह ग्राहक को समय-समय पर जानकारी देता है और ग्राहक को हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी देता है। बैंकिंग मैनेजर इस बात का भी ध्यान रखता है कि ग्राहक को किसी भी वजह से उसका समय बैंकिंग में खराब न हो और उसे बेहद अच्छी सर्विस बैंक के माध्यम से अपने लेन-देन के लिए प्राप्त हो। यह सेवा ग्राहक को अपने दफ्तर में एक मैनेजर को रखने की तुलना में बेहद सस्ता पड़ता है।