Maa Siddhidatri Puja Vidhi : चैत्र नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा (Maa Durga) को समर्पित है। नवरात्रि के दौरान भक्तजन 9 दिनों तक उनके 9 स्वरूपों का विधि-विधान से पूजन करते हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का प्रारंभ 22 मार्च से हुआ है। नवरात्रि में अष्टमी व महानवमी पूजन का बहुत महत्व है, क्योंकि इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता हैं। नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता हैं। आज यानी 30 मार्च को नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri Puja Vidhi) की उपासना की जाएगी। तो आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री के बारे में विशेष बातें…
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मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
देवी सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri Puja Vidhi) लाल साड़ी में कमल पर विराजमान है। उनकी चार भुजाएं है। मां के एक हाथ में सुदर्शन चक्र, दूसरे में गदा और अन्य दो में कमल और शंख है। सिर पर विशाल मुकूट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही देवी सिद्धिदात्री की पहचान है। इसके अलावा मां को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त है। इसलिए इन्हें सिद्धी और मोक्ष की देवी भी कहा जाता हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देव, किन्नर, यक्ष, दानव, साधक और ऋषि-मुनि आदि तक भी पूजते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन देवी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही व्यक्ति को यश, बल और धन का वरदान मिलता है।
देवी सिद्धिदात्री पूजन विधि
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