Winter session of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और इस सत्र के दौरान राजनीतिक गर्मागर्मी की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों को देश ने नकार दिया है, वे संसद की कार्यवाही में व्यवधान डालने की कोशिश कर रही हैं। पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक परंपरा की महत्ता को रेखांकित करते हुए उम्मीद जताई कि सत्र में गुणवत्तापूर्ण चर्चा होगी और सभी सांसद इसमें सक्रिय योगदान देंगे।
पीएम मोदी के प्रमुख बयान
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो नई ऊर्जा और विचार लेकर संसद में आते हैं, उनके अधिकारों को बाधित किया जा रहा है।” पीएम ने विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने और कार्यवाही रोकने के प्रयासों का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जनता ऐसे व्यवहारों को देखती है और समय आने पर जवाब भी देती है। पीएम मोदी ने 2024 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और राज्यों के नतीजे लोकसभा चुनाव के फैसले को और मजबूत कर रहे हैं।
संसद में उठने वाले प्रमुख मुद्दे | Winter session of Parliament
इस सत्र में विपक्ष सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की तैयारी में है। खासतौर पर संभल हिंसा और अडानी समूह से जुड़े मुद्दे चर्चा के केंद्र में हो सकते हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।
विधायी एजेंडा
इस बार के शीतकालीन सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक समेत 16 विधेयकों को पेश करने की योजना है। वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया था, जिसने इसे अंतिम रूप देकर लोकसभा में पेश करने की सिफारिश की है। यह विधेयक विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और इसके प्रभाव पर देशभर में व्यापक नजरें टिकी हैं।
इसके अलावा, अन्य विधेयकों पर भी चर्चा और पारित होने की संभावना है। सरकार की प्राथमिकता विधायी कामकाज को सुचारु रूप से पूरा करना है।
संभावित हंगामा और सत्र की चुनौतियां
इस सत्र में हंगामे की संभावना भी जताई जा रही है। विपक्ष की रणनीति सरकार को संवेदनशील मुद्दों पर घेरने की है, जबकि सरकार का रुख आत्मविश्वास से भरा है। हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद सरकार को अपनी लोकप्रियता में बढ़त का भरोसा है।
प्रधानमंत्री की अपील और लोकतंत्र का संदेश
प्रधानमंत्री ने सभी दलों से संसद की गरिमा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मूल सिद्धांत जनता के फैसलों का सम्मान करना है।
शीतकालीन सत्र न केवल विधायी कार्यों के लिहाज से, बल्कि लोकतांत्रिक बहस और संवाद के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में किस तरह की चर्चाएं होती हैं और क्या यह सत्र सार्थक परिणाम दे पाता है।