Vintage Cinema: फिल्म इंडस्ट्री के स्टार्स को लेकर उनके फैंस की दीवानगी तो हमें आए दिन देखने को मिलती है, लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं, किसी स्टार के लिए ऐसी दीवानगी की, जिसमें अपने फेवरेट स्टार की एक झलक पाने के लिए लड़कियां जान ही गंवा दे? वैसे तो ऐसे डायलॉग फिल्मों में आए दिन सुनने को मिल ही जाते हैं कि, तुम ना मिले तो मैं जान दे दूंगा या दे दूंगी, ऐसा कर दूंगा या ऐसा कर दूंगी, लेकिन रियल लाइफ में भी कोई ऐसा कुछ कर जाए, क्या ऐसा मुमकिन है? हम आज के समय की गारंटी तो नहीं दे सकते, लेकिन हां ऐसा हुआ जरुर है। हिंदी सिनेमा का ही एक सुपरस्टार, जिसकी खूबसूरती ऐसी की लड़कियां एक झलक पाने के लिए छत से कूद जाए, जिसके लुक्स से लड़कियों की जान बचाने के लिए उसपर काला कोट पहनने से बैन लगा दिया गया।
स्टार नहीं लेजेंड थे देव आनंद
दरअसल, हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के लेजेंड स्टार देव आनंद की। वह सिर्फ एक कलाकार नहीं बल्कि रियल लाइफ सुपरस्टार थे। उस समय पर लड़कियों में उनके लिए जबरदस्त क्रेज था। वैसे तो सभी ही उनके दीवाने थे, लेकिन लड़कियों में उनके लिए दीवानगी नहीं बल्कि पागलपन था। भले ही देव आनंद का सुपरस्टारडम बहुत लंबा ना चला हो, लेकिन उनके छोटे से करियर में उन्हें लेकर फैंस में जो दीवानगी थी, वो आजतक किसी और को नसीब नहीं हो सकी।
देव साहब के लिए जान गंवा देती थी लड़कियां!
आपको बता दें कि देव आनंद सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं बल्कि निर्देशक, निर्माता, और राइटर होने के साथ-साथ संगीतकार भी थे। उन्होंने साल 1946 में ‘हम एक हैं’ फिल्म से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। देव आनंद की एक्टिंग के अंदाज ने उन्हें हमेशा दूसरे एक्टर्स की भीड़ से अलग रखा। उनका गर्दन झुकाकर डायलॉग बोलने का वो गजब अंदाज, लड़कियों को बेहोश कर दिया करता था।
काला कोट पहनने पर लगा था बैन
कहा तो जाता है कि उन्हें देखकर ही उस समय में काले कोर्ट पर सफेद शर्ट का स्टाइल ट्रेंड कर गया था, लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि उनपर काला कोट पहनने से बैन लगा दिया गया था। जी हां, कहा जाता है कि उन दिनों काले कोट और सफेद शर्ट में देव आनंद इतने खूबसूरत लगते थे कि लड़कियां उन्हें देखने के लिए छत से कूद जाया करती थीं। कितनी ही लड़कियों ने उनके लिए अपनी जान गवां दीं। यहां तक कि कहा जाता है कि देव साहब की हिट फिल्म ‘काला पानी’ में उन्हें काले रंग का कोट पहनने से रोका दिया गया था, क्योंकि सभी को ये डर था कि काले रंग के कोट में उन्हें देख कहीं लड़कियां छत से न कूद जायें? अब इस बात में कितनी सच्चाई है कितनी नहीं ये तो नहीं पता, लेकिन इन खबरों पर देव आनंद ने कभी कोई टिप्पणी नहीं की थी।
फिल्म के टिकट के लिए थिएटर के बाहर चली थीं गोलियां
हालांकि ये खबरें सच हो या ना हो, ये जरुर पता है कि फैंस में देव आनंद की दीवानगी अलग स्तर पर थी। देव साहब अपने फैंस के दिलों में कुछ इस कदर हावी थे कि थियेटर फुल हो जाते थे। लोग धूप में घंटों खड़े होकर टिकट लेते थे। यही नहीं आपको बताते चलें कि जब देव साहब कि सुपरहिट फिल्म ‘जॉनी मेरा’ नाम रिलीज हुई थी तो वहां ओपनिंग डे पर दर्शकों की इतनी बड़ी भीड़ लग गई थी कि जमशेदपुर के एक सिनेमाघर के बाहर फिल्म के टिकट के लिए गोलियां चल गई थीं। जिसमें दो छात्रों की मौत तक हो गई। इस घटना के बाद एक सप्ताह के लिए नटराज टॉकीज बंद कर दिया गया।
इन फिल्मों में किया था काम
देव साहब ने हम एक हैं से शुरुआत के बाद अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में की थी। उनकी हिट फिल्मों की लिस्ट में ‘आगे बढो’, ‘मोहन’, ‘हम भी इंसान हैं’, ‘जिद्दी’, ‘पेइंग गेस्ट’, ‘बाजी’, ‘ज्वैल थीफ’, ‘सीआइडी’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘अमीर गरीब’, ‘वारंट’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ जैसी फिल्में शामिल हैं। हिंदी सिनेमा में उनके बेहतरीन सहयोग के लिए देव साहब को सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के से भी सम्मानित किया गया था।