गुड फ्राइडे ईसाइयों द्वारा मनाया जाने वाला एक धार्मिक त्यौहार है। आपको बता दें कि गुड फ्राइडे खुशियां मनाने का त्योहार नहीं है बल्कि इसे शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 7 अप्रैल को है। दरअसल, इसी दिन तमाम शारीरिक और भावनात्मक यातनाओं के बाद यहूदी अधिकारियों ने शुक्रवार को ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया। क्योंकि ईसा मसीह ने मानवता के लिए अपना जीवन दिया, इस कारण ईसाई इस शुक्रवार को “गुड फ्राइडे” के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे को कई अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे। मुख्य रूप से इस दिन ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह की कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते है।
गुड फ्राइडे का इतिहास
बाइबिल के अनुसार इस दिन मानव जाति के कल्याण के लिए ईसाइयों के भगवान और प्रेम, ज्ञान और अहिंसा के संदेश ईसा मसीह ने बलिदान दिया था। यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया, उस दिन शुक्रवार था। दरअसल, ईसा मसीह को एक बड़े आकार की लकड़ी के क्रॉस पर बांध दिया गया और हथेलियों और पैरों में कीलें ठोंक दी गई थीं। कीलों से जकड़े हुए ईसा मसीह के शरीर को एक पवित्र आकृति के रूप में माना जाने लगा और तब से ही उनके इस रूप की पूजा होने लगी। ऐसा होने के बावजूद, ईसाइयों में यह मान्यता है कि “गुड फ्राइडे” का अर्थ है “भगवान का शुक्रवार”। इस दिन लोग अपने दर्द और पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए उन्हें याद करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं। गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह की कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं।
गुड फ्राइडे का महत्व
आपको बता दें कि गुड फ्राइडे के अवसर पर ईसाई धर्म के लोग 40 दिनों तक उपवास करते हैं, जबकि अन्य केवल शुक्रवार को उपवास करते हैं, जिसे लेंट के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग चर्च और घर की सजावट को कपड़े से ढक देते हैं और चर्च में काले कपड़े पहनकर शोक मनाते हैं। इसके अलावा, प्रभु यीशु से उसके पापों के लिए क्षमा मांगते हैं, और यीशु मसीह के अंतिम सात शब्दों को अद्वितीय अर्थ दिया जाता है। इस दिन मान्यताओं के अनुसार चर्च में सभी के साथ लोग प्रभु यीशु की पीड़ा को याद करते हैं। गुड फ्राइडे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ईसाई मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के साथ ही दुनिया के सारे पाप अपने ऊपर ले लिए।