Braid rule : दुनिया में विभिन्न धर्म के लोग रहते हैं, जिनका अपना रीति-रिवाज, नियम-कायदे और मान्यता है। आज भी लोग अपने धर्म और रीत-रिवाज का दिल से पालन करते हैं। हिन्दू धर्म, में कई नियम-कायदे लिंग के आधार पर बटे हुए है। शास्त्रों में पुरुष और स्त्री के लिए अलग-अलग रीति-रिवाज का उल्लेख किया गया है। हिन्दू धर्म, में ज्यादातर पुरुष सिर पर चोटी (Braid rule) रखते हैं, जिसका उनके लिए बहुत बड़ा महत्त्व होता है।
चोटी रखने का महत्त्व
प्राचीन काल से ही महात्मा, ऋषि, पंडित और ब्राह्मण आदि अपने सिर पर चोटी (Braid rule) रखते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार, बालक को जब दीक्षा दी जाती है, तो उस समय उसका मुंडन कराया जाता है, जिसमें केवल एक चोटी ही शेष छोड़ दी जाती हैं। ब्राह्मणों के मुताबिक, सहस्त्रार चक्र की जगह पर चोटी (Braid rule) रखी जाती है।
कहा जाता है कि सहस्त्रार चक्र के नीचे आत्मा का वास होता है। इसलिए इस स्थान पर चोटी रखने से मस्तिष्क का संतुलन बना रहता हैं। साथ ही शरीर, बुद्धि और मन पर नियंत्रण करने में सहायता मिलती हैं। बता दें कि चोटी (Braid rule) का आकार हमेशा गाय के खुर के समान रखना ही शुभ होता है।
चोटी रखने के फायदे
हिन्दू धर्म में चोटी (Braid rule) रखने के कई फायदों के बारे में बताया गया हैं। सहस्त्रार चक्र की जगह चोटी रखने से शरीर में मौजूद सातों चक्र जाग्रत होते हैं, जिससे शरीर में हमेशा संतुलन बना रहता है। इसके अलावा सहस्त्रार चक्र की जगह पर सुषुम्ना नाड़ी होती है, जिसका सीधा संबंध शरीर के विकास से होता है। इसलिए चक्र की जगह चोटी (Braid rule) रखने से शरीर को सकारात्मक उर्जा मिलती हैं।