ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल पुथल मचने वाली है। मुख्यमंत्री के बेटे ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और BJP में दरार आने के संकेत मिल रहे हैं। बीते दिन दिए गए एक बयान में सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा देने तक की बात कही है।
श्रीकांत शिंदे का बयान
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए BJP-शिंदे गुट (गठबंधन) के लिए समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। BJP-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा। हमारा लक्ष्य फिर से BJP-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं। श्रीकांत आगे बोले कि अगर कोई उसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं।
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तकरार की वजह क्या है?
दरअसल, पूरा मामला एक महिला के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा है, जिसको लेकर BJP के पदाधिकारी नंदू जोशी पर FIR दर्ज हुई है। इसको लेकर नंदू जोशी और कई कार्यकर्ताओं का आरोप ये लगा है कि डोंबिवली मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के पीछे शिवसेना का हाथ है। बुधवार को डोंबिवली में राज्य के मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में BJP पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में नेताओं ने शिंदे गुट का साथ न देने का फैसला किया। इसके अलावा शिंदे की गुट वाली शिवसेना और BJP के बीच तकरार का एक कारण कल्याण लोकसभा सीट भी बताई जा रही है। इस सीट से वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के बेटे श्रीकांत शिंदे सांसद हैं। चर्चा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में BJP इस सीट से अपने उम्मीदवार को उतारना चाहती है। ऐसे में BJP और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ती हैं तो श्रीकांत शिंदे की उम्मीदवार पर संकट मंडरा सकता है।