दिल्ली में हर साल सर्दियां शुरू होने के साथ ही स्मॉग दिल्ली के लोगों को खासतौर पर परेशान करती है। अब ये स्मॉग राजनीतिक रंग भी लेती जा रही है। एक तरफ बीजेपी आम आदमी पार्टी पर तंज कस रहा है कि दिल्ली सरकार ने समय रहते स्मॉग कम करने का इंतजाम नहीं किया वहीं, आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह स्मॉग को रोकने के पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं।
इस बीच आम आदमी का दम घुंट रहा है। डॉक्टर्स सलाह दे रहे हैं कि घर से बाहर जाते समय बुजुर्ग और बच्चें मास्क पहनकर निकले वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला खतरनाक धुआं और गैसें जब वातावरण की नमी (कोहरे) से मिलती हैं तो स्मॉग बन जाता है। दिल्ली-एनसीआर में यह जहरीला मिश्रण यानी स्मॉग श्वास के जरिए आंखों-फेफड़ों तक पहुंच रहा है। स्मॉग के रूप में वायु प्रदूषण गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए घातक है। वायु प्रदूषण से उत्तपन्न होने वाली धुंध यानी स्मॉग (Smog) आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है आइये जानते हैं।
क्या होता है स्मॉग?
स्मॉग दरअसल एक तरह का वायु प्रदूषण है जो दृश्यता को भी कम करता है। ये शब्द 20वीं शताब्दी की शुरुआत में अस्तित्व में आया। ये शब्द अंग्रेजी के स्मोक(Smoke) और फॉग (Fog) से मिलकर बना हुआ है। पर्यावरण में पाए जाने वाले धुएं को देखते हुए ही इसका यह नाम रखा गया है।
कैसे बनता है स्मॉग?
स्मॉग में कई तरह की रासायनिक गैस और केमिकल शामिल होते हैं। दरअसल, स्मॉग नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, ओजोन गैस, धुआं और अन्य कणों से बना होता है। इसमें सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी शामिल है। दिल्ली के वायु प्रदूषण में गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का योगदान तकरीबन 50 प्रतिशत है।
स्मॉग से होने वाली परेशानी और बीमारियां
स्मॉग जब सासों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है तब हम कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कई बार लोगों को अस्पताल तक जाना पड़ जाता है। खासकर अस्थमा के रोगियों को, जिनकी हालत कई बार गंभीर हो जाती है।
ये होती है दिक्कत
- खांसी और गले में तकलीफ
- सांस लेने में तकलीफ
- आंखों जलन
- दिल की बीमारियों का खतरा
- फेफड़ों की गंभीर बीमारी का खतरा
- अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक
- कहां पाया जाता है स्मॉग ?
अमूमन तौर पर स्मॉग बड़े शहरों में पाया जाता है, जहां पर अधिक मात्रा में उद्योग और वाहनों का आवागमन चलता रहता है। अधिक आबादी वाले वो शहर जहां पर वायु प्रदूषण को रोकना लगभग नामुमकिन है, वहां ठंड के मौसम में स्मॉग दिख सकता है। दिल्ली-एनसीआर स्मॉग के लिए अनुकूल है। यहां पर अक्टूबर से लेकर मार्च तक लोगों को स्मॉग के चलते दिक्कत पेश आती है।