Monday, November 25, 2024
MGU Meghalaya
HomeमनोरंजनSouth Vs Bollywood: दक्षिण भारतीय फिल्में बॉलीवुड पर क्यों भारी पड़ रही...

South Vs Bollywood: दक्षिण भारतीय फिल्में बॉलीवुड पर क्यों भारी पड़ रही हैं? जानें सच

 

South Vs Bollywood: अच्छा सिनेमा हर इंडस्ट्री में होता है। हालांकि सिर्फ इसलिए कि हिंदी भाषा बड़े पैमाने पर बोली जाती है, हिंदी फिल्मों की पहुंच अधिक है। बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी हैं जो दर्शकों के दिलों पर आज भी राज करती हैं। हालांकि फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि पिछले 5 से 6 सालों में साउथ फिल्म इंडस्ट्री की फिल्में बॉलीवुड या हिंदी फिल्मों से कहीं ज्यादा सुर्खियां बटोर रही हैं।

 

बॉलीवुड में आज भी कई फिल्में हैं जो एक यादगार की तरह दिलों में बस जाती हैं। हमारे पास हिचकी, 3 इडियट्स, भाग मिल्खा भाग, एयरलिफ्ट, हैदर, चक दे ​​इंडिया जैसी फिल्में हैं जिन्होंने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बॉलीवुड में हमारे पास बेस्ट अभिनेता और निर्देशक होते हुए भी आखिर क्या कमी रह जा रही है। आखिर क्यों दर्शक हिंदी फिल्मों को छोड़ साउथ की फिल्में अधिक पसंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं हिंदी फिल्मों के दिग्गज से दिग्गज सितारें भी साउथ फिल्म इंडस्ट्री की तरफ रुख कर रहे हैं। जहां एक तरफ ये बात अच्छी लगती हैं क्योंकि हमारे भारत देश में डाइवर्सिटी के बावजूद फिल्मों के माध्यम से लोग से एक दूसरे से यूनाइट हो रहे हैं तो वहीं सोचने की बात यह है कि क्या हिंदी फिल्मों में दिग्गज लेखक, स्क्रिप्ट राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर और टैलेंटेड एक्टर्स के होने के बावजूद भी आखिर हिंदी फिल्में साउथ फिल्मों से क्यों मार खा रही हैं।

 

मौजूदा फैक्टस की बात करें तो हां इस समय साउथ इंडियन सिनेमा बॉलीवुड से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसके पीछे कुछ खास कारण हो सकते हैं, तो आइए एक नजर डालते हैं उन विशेष कारणों पर-

 

  • पिछले कुछ सालों में साउथ इंडस्ट्री ने अपने वीएफएक्स, टेक्नॉलॉजी और क्वालिटी और स्क्रिप्ट पर बहुत काम किया है और यही कारण है कि आज साउथ सिनेमा की हर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ बात करें अगर बॉलीवुड की तो हिंदी सिनेमा के फिल्म मेकर्स फिल्म की स्क्रिप्ट और कहानी पर उतना ध्यान नहीं दे रहे हैं, जो दर्शकों को एक इमोशनल टच दे सके।
  • साउथ इंडियन फिल्मों के हिट होने का एक खास कारण है उनकी यूनिक कहानी, जबकि बॉलीवुड बॉलीवुड में ज्यादातर सफल साउथ फिल्मों की ही रीमेक होती हैं, जैसे कबीर सिंह, तेरे नाम, हॉलीडे, दृश्यम। इसमें कोई शक नहीं कि इन फिल्मों में बॉलीवुड एक्टर्स ने बेहतरीन एक्टिंग की है लेकिन स्क्रिप्ट के बिना यह संभव नहीं है। इस बात पर सवाल उठता है कि आखिर साउथ फिल्मों के रीमेक ही क्यों।
  • इसमें कोई शक नहीं कि अक्षय कुमार, आमिर खान जैसे कुछ एक्टर्स हैं, और कुछ निर्देशक भी हैं जो एक ग्लोबल संदेश देने और विश्व स्तर पर हिंदी फिल्मों को प्रमोट करने की कोशिश करते हैं लेकिन, 100 में से हमें केवल 10-12 ही ऐसी बॉलीवुड फिल्में मिलती हैं जो इस स्टैण्डर्ड को बनाए रखती हैं।
  • 70 और 80 के दशक की शुरुआत में बॉलीवुड फिल्मों की कुछ और ही बात थी, लेकिन बॉलीवुड की नई फिल्मों में फिल्ममेकर्स सिर्फ स्टार किड्स को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं और हमें और एक इमोशनल और दिल को छू जाने वाली कहानी से ज्यादा ग्लैमर परोसने का प्रयास करते हैं।
  • एक समय था जब साउथ इंडियन फिल्मों को उनके एक्शन के लिए ट्रोल किया जाता था, लेकिन उन्होंने इस पर सुधार किया और आज वो एक अलग मुकाम पर हैं सिर्फ अपनी यूनीकनेस का कारण।
  • साउथ इंडियन फिल्मों में हमें स्ट्रॉन्ग स्क्रिप्ट के साथ बेहतरीन स्क्रीनप्ले भी देखने को मिलता है। उनकी फिल्मों में कहानी एक बड़ी भूमिका निभाती है, जबकि बॉलीवुड में कहानियों और लेखकों को सबसे कम महत्व दिया जाता है।
  • साउथ इंडियन फिल्में अभी भी स्क्रिप्ट में फैमिली वैल्यूज को बहुत महत्व देती हैं और अपने माता-पिता के साथ मुख्य किरदारों की भावनात्मक बॉन्डिंग हमेशा गेम चेंजर साबित होती है। जबकि बॉलीवुड में ये प्रचलन कहीं न कहीं खोता नजर आ रहा है।
  • साउथ इंडियन फिल्में अभी भी अपनी भारतीय संस्कृति और पुराने मूल्यों को महत्व देती हैं जो फिर से दर्शकों को और खासकर बुजुर्ग दर्शकों को प्रभावित करती हैं, क्योंकि अधिकांश भारत अभी भी अपनी वैल्यूज और संस्कृति से जुड़ा हुआ है, जबकि बॉलीवुड में केवल एक्ट्रेसेस के ग्लैमर पर फोकस किया जाता है, जिससे युवा तो आकर्षित होते हैं लेकिन सिर्फ कुछ समय तक।

 

 

देखा जाए तो और भी कई मुख्य कारण हो सकते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या हिंदी फिल्मों में अच्छे लेखकों की कमी हो गई हैं या फिर अच्छे फिल्ममेकर्स की, जो हमें साउथ की फिल्मों की कहानी पर काम करना पड़ रहा है। अंत में हर इंडस्ट्री अच्छी फिल्मों के साथ आती है। लेकिन फिलहाल साउथ की फिल्में कंटेंट और कनेक्ट के मामले में बहुत अच्छा कर रही हैं।

 

- Advertisment -
Most Popular