आज दुनिया टेक्नोलॉजी के एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है जहां क्षण भर में काम हो जाता है। चाहे वो किसी चीज का उत्पादन करना हो या उसको डिलीवर करना हो। आज AI का जमाना है जहां काम मनुष्य नहीं बल्कि मशीन या खासतौर पर बात करें तो रोबोट काम कर रहे हैं। साफ शब्दों में कहे तो टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ गई है। आज हम वीडियो कॉलिंग, वर्चुअल वर्ल्ड की बातें करते हैं। लेकिन जाहिर है कि एक दौर ऐसा भी रहा होगा जब हमारे पास इस तरह की तकनीक नहीं थी।
पहले लोग एक दूसरे से बात करने के लिए sms नहीं बल्कि तार यानी टेलीग्राम भेजते थे। हर खबर को पहुचंने में काफी दिन लग जाते थे। लेकिन आज हम मिनटों में एक मैसेज या वीडियो कॉल कर पातें हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी यानि sms भेजने की शुरुआत कब और किसने की थी ? आइये जानते हैं SMS के पीधे की कहानी..
क्या है शॉर्ट मैसेज सर्विस?
क्या आपको पता है SMS को Short Message Service भी कहा जाता है। नहीं पता है तो अब जान ही गए होंगे। short इसलिए कहतें है कि इसकी इस्तेमाल से आप किसी को अपना संदेश तो भेज सकते हैं लेकिन उसकी वर्ड लिमिट 160 शब्दों की होती है। इन शब्द सीमा के अंदर ही आप अपनी बात लिख सकते हैं।
किसने, क्या और किसे भेजा था पहला मैसेज?
ये बात है आज से 30 साल पहले की जब एक व्यक्ति ने किसी को पहली बार sms के द्वारा क्रिसमस की बधाई दिया था। 30 साल पहले एक 22 वर्षीय लड़का जिसका नाम नील पापवर्थ है उसने अपने मित्र को पहला मैसेज भेजा था। नील पापवर्थ एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर था जिसने मैसेज में केवल ‘Marry Christmas’ लिखा था।
मैसेज अपने फर्म के एक बॉस रिचर्ड जार्विस को भेजा था। हालांकि मिस्टर जार्विस एक क्रिसमस पार्टी में थे इसलिए नील को इसका कोई जवाब नहीं मिला। इस मैसेज को 3 दिसंबर 1992 को उस समय की इस नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण करने भेजा गया था।
टेक्नोलॉजी की एक बड़ी उपलब्धि़
टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के अनुसार, नील अपने क्लाइंट वोडाफोन के लिए एक डेवलपर और टेस्ट इंजीनियर के तरह काम कर रहे थे और उन्होंने कंपनी के लिए शॉर्ट मैसेज सर्विस (SMS ) बनाया था। उस दिन के बाद sms काफी पॉपुलर हो गया जिसके बाद लोगों ने बड़े मात्रा में इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।