Vidhansabha Election: महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर देशभर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद अब इन दो राज्यों की चुनाव घोषणा पर सबकी नजर है।
फिलहाल, चुनाव आयोग की ओर से इन चुनावों के कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है। साथ ही, 46 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की संभावना भी जताई जा रही है।
महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव का समय
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा का इंतजार तब और बढ़ गया जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अचानक अपने सोलापुर दौरे को रद्द कर दिया और कैबिनेट की बैठक भी टाल दी। इससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि चुनावों की घोषणा जल्द होने वाली है। हालांकि, सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की तबीयत कुछ ठीक नहीं होने के कारण ये कार्यक्रम रद्द किए गए, न कि चुनाव की घोषणा के लिए। बावजूद इसके, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महाराष्ट्र में अगले सप्ताह तक चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकता है।
चुनाव की संभावना अगले सप्ताह
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग अगले सप्ताह तक महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों की घोषणा कर सकता है। हालांकि, एक-दो दिनों में ही घोषणा होने की संभावना कम बताई जा रही है। साथ ही, यह सवाल भी उठ रहा है कि महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में भी चुनाव होंगे या नहीं। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2023 तक है, इसलिए महाराष्ट्र में नवंबर के अंत तक चुनाव कराए जाने की संभावना है।
दोनों राज्यों में एक साथ चुनाव
महाराष्ट्र का कार्यकाल जल्द खत्म हो रहा है, इसलिए वहां नवंबर के अंत से पहले चुनाव होने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि दोनों राज्यों में चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। इसका कारण ठंड का बढ़ता प्रभाव है, जो दिसंबर-जनवरी में बढ़ सकता है। ठंड के कारण चुनाव आयोग मतदान में आने वाली कठिनाइयों को कम करना चाहेगा। ‘एक देश, एक चुनाव’ की दिशा में सरकार की नीति को देखते हुए महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों को एक साथ कराए जाने की संभावना मजबूत है।
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26 नवंबर से पहले महाराष्ट्र में चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिसके पहले चुनाव कराना अनिवार्य है। झारखंड में हालांकि समय थोड़ा अधिक है, लेकिन ठंड का असर देखते हुए वहां भी चुनाव इसी समय में कराए जाने की योजना बन सकती है। जानकारों का मानना है कि चुनाव आयोग दोनों राज्यों के चुनाव कार्यक्रमों को एक साथ घोषित कर सकता है, बस झारखंड का नोटिफिकेशन कुछ देरी से जारी हो सकता है।
अन्य विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव
इन चुनावों के साथ ही, 46 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। इन उपचुनावों में भी प्रमुख राजनीतिक दलों की नजर है, क्योंकि ये सीटें राष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बना सकती हैं।
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। दोनों राज्यों की चुनावी रणनीतियों में एक साथ चुनाव कराने का महत्व है, खासकर सर्दी के मौसम के मद्देनजर। सरकार के ‘एक देश, एक चुनाव’ की नीति के चलते आयोग भी दोनों राज्यों के चुनावों को एक साथ कराने की ओर अग्रसर है।