दिल्ली एमसी़डी चुनाव हो गए आम आदमी पार्टी बहुमत पाकर सत्ता में काबिज़ भी हो गई लेकिन सियासत अभी भी जारी हैं जिसकी वजह हैं मेयर की कुर्सी। जी हां , क्योंकी चुनावी नतीजे़ तो आ गए और इन नतीजो के साथ ही एक सवाल खड़ा हो गया वो ये की आखिर मेयर पद की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा। हालांकि 6 जनवरी को होने वाले मेयर पद के चुनावी नतीज़ो के बाद इसका पता चल जाएगा। लेकिन इन चुनावों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में बगावत की खबरो ने जोर पकड़ लिया हैं जिसकी वजह है आम आदमी पार्टी की तरफ से एक नही दो – दो प्रत्याशियो का नामांकन भरना। दरअसल 26 दिसंबर को आम आदमी पार्टी की तरफ से मेयर पद के लिए शैली ओबेरॉय और डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल ने नामांकन दाखिल किया।
आप में बगावत !
लेकिन 27 दिसंबर यानि नोमिनेशन के आखिरी दिन आप की ओर से दो और उम्मीदवार 27 दिसंबर को चितरंजन पार्क से आम आदमी पार्टी की पार्षद आशु ठाकुर ने मेयर और शालीमार बाग से पार्षद जलज कुमार ने मेयर पद के लिए नोमिनेशन दाखिल कर दिया। इसके बाद से आम आदमी पार्टी में बगावत के सवाल खड़े हो गए और ये सवाल किसी और ने नही बल्कि विपक्षी पार्टी भाजपा ने खड़े किए हैं। बीजेपी का कहना है कि आप की तरफ से कहा गया है कि आप में एक पद के लिए दो लोग नोमिनेशन फाइल कर रहे हैं। मतलब साफ है की आम आदमी पार्टी में बगावत शुरु हो गई है और नोमिनेशन फाइल करने वाले दूसरे उम्मीदवार बागी उम्मीदवार है। आपको बता दें की आम आदमी पार्टी पर ये आरोप बीजेपी प्रवकत्ता प्रवीऩ शंकर कपूर ने लगाए हैं। हालांकि आप की तरफ से बीजेपी के इन आरोपो पर कोई प्रतिकीर्या सामने नही आई हैं।
क्या है आप और बीजेपी का संख्याबल ?
लेकिन लेकिन सूत्रों की मानें तो ये दोनों कवरिंग कैंडिडेट थे। आपको बताते चले 250 पार्षदों के साथ ही उपराज्यपाल की ओर से मनोनित दिल्ली विधानसभा के 14 सदस्य और 10 सांसद (राज्यसभा के तीन और लोकसभा के सात सदस्य) वोट डालेंगे। अगर संख्याबल पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी के फिलहाल 134 पार्षद हैं। आम आदमी पार्टी के तीन राज्यसभा सांसद हैं और उपराज्यपाल की ओर से मनोनित 14 विधायकों में से 13 भी सत्ताधारी पार्टी के हैं। कुल वोट जोड़ लें तो आम आदमी पार्टी के पास 250 वोट होते हैं। बीजेपी के पास 105 पार्षद, सात सांसद और और एक विधायक का वोट है। गौरतलब है कि संख्याबल के लिहाज से बीजेपी पीछे नजर आ रही है।