क्या आपको कभी भी ऐसा एहसास हुआ है जैसे किसी ने आपको जकड रखा है आप हिल भी नहीं पा रहे। बोलना चाहते है लेकिन बोल नहीं पा रहे है। चाहते है किसी को आवाज़ दे लेकिन मुँह नहीं खोल पाते है जिबरिश (fumble) में कुछ भी बोलने लगते है। दम घुटता है हमे लगता है कोई तो है जो आपको जकड रखा है सीने पे बैठा हुआ है। दिमाग कुछ अजीबोगरीब आकृति बनाने लगती है जिससे हमें और भी डर का एहसास होता है।
इसका अनुभव बहुत ही भयानक होता है ऐसा लगता है की कोई तो आये और इस अवस्था से निकालेने में मदद करे।
इसे पैरानॉर्मल एक्सपीरियंस से कम नहीं कहेंगे लेकिन अगर हम इसी एक्टिविटी को scientifically देखे तो इसका अलग ही कारण होता है।
किसी वजह से दिमाग तक खून को पहुंचने में कमी होती है, इसकी वजह से दो चीज़ो से परेशानी होती है।
1. शारीरिक तकलीफ जिसमे दम घुटना, मूवमेंट न कर पाना, और बोलने में तकलीफ का होना।
2. मेन्टल प्रॉब्लम जिससे अल्प कालीन कल्पनाये (temporary illusion) बनाने लगता है। इसी वजह से हमे लगता है की कोई तो है जो आपको परेशान करता है।
# जब आप लम्बे समय तक नहीं सोते तो आपका दिमाग लगातार एक केमिकल रिएक्शन और वही बॉडी को सिग्नल भजने लगता है। तभी एक अवस्था ऐसी भी आती है जब आप उठे रहना चाहते है लेकिन आपकी आखें बंद हो जाती है, सब कुछ धुंधला दिखने लगता है। इसी वक़्त आपकी बॉडी भी मूव नहीं हो पाती। हो सकता है आपके साथ ऐसा कभी न कभी दिन में भी हुआ हो।
# पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने की वजह से ऐसा होना स्वभाविक हो सकता है। क्योकि जब आप सोना नहीं चाहते और आपकी आखें बंद हो जाती है। इसी वजह से बॉडी और दिमाग का तालमेल बराबर नहीं बैठ पाता।
इसीलिए एक समय तो सोना बेहद जरुरी है ताकि बॉडी और दिमाग दोनों ही रिफ्रेश हो सके।
# स्लीप पैरालिसिस से आपकी मौत नहीं होती सकती।
आपको ऐसा एहसास तो जरूर हुआ होगा की आप बचेंगे नहीं क्योकि परिस्तिथि ही कुछ ऐसी होती है। परन्तु आप निश्चिन्त रहिये इससे किसी की मृत्यि नहीं हुई है क्यूंकि यह सब एक फिक्शनल प्रोग्राम है जो आपके दिमाग ने क्रिएट किया है। ऐसा कहे की यह सब एक कल्पना मात्र है।
# घर के बड़े बूढ़े लोग बोलते है की सीने पर हाथ रख के नहीं सोना चाइये क्यूँकि आपको स्लीप पैरालिसिस होने की संभावना होती है।
# यह कोई बीमारी नहीं है ये एक प्राकृतिक घटना है अगर कोई सोचता है की अप्प हेअल्थी है आपके साथ ऐसा कुछ नहीं होगा तो आप गलत सोच रहे है। ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। अचानक ही उठ जाना/ जागते हुए सपने देखना, योग या ध्यान करते समय शरीर का शिथिल हो जाना की आप अपने बॉडी को मूव ही न कर पाओ, यह सभी स्लीप पैरालिसिस की ही श्रेणी में आते है।
# यह ज्यादातर उनके साथ होता है जो लोग अनिंद्रा के शिकार हो। जिनको नींद न आती हो। नींद न आने की वजह से या एक ही करवट लेकर सोने वाले लोगों के साथ ऐसा होना बिलकुल सामान्य है।
- इससे बचने के कुछ उपाए :
1. सोने में सदैव ढीले वस्त्र ही पहने, टाइट वस्त्र से दूर ही रहना उचित है
2. सोशल मीडिया या टीवी सोने से आधे घंटे पहले ही छोड़ दे, इसकी जगह आप रिलैक्सिंग म्यूजिक सुन सकते है जिससे मंद रिलैक्स होगा।
3. सोने से पहले ऐसी चीज़े ही खाये जो आपको सोने में मदद करे
4. २४ घंटों में आप को ८ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए यदि आप ८ घंटे नहीं सो सकते हो तो आपको दिन में झपकी तो लेनी चाहिए जिससे दिमाग को थोड़ा रेस्ट मिल जाये।