What is Naturopathy : “प्रकर्ति” ये शब्द सुनते ही हम लोगों के मन में पेड़ , पौधे, जंगल , नदी, पहाड़ ये सब आते है | ऐसा नहीं हैं ये प्रकार्ति नहीं हैं | ये बस प्रकर्ति का एक छोटा सा हिस्सा हैं | सही मायनों में प्रकार्ति पाँच तत्वों से मिल कर बनी हैं जिससे पंच तत्व कहते हैं |
1. आग
2.पानी
3.हवा
4.धरती
5.आसमान
ये हैं वो पंचतत्व जिनसे मिलकर हमारी प्रकार्ति बनी हैं | इंसान का शरीर इन पाँच तत्वों से ही मिलकर बना हैं | ये पाँच तत्व हमारे शरीर में दिखते नहीं हैं लेकिन पैदा होने से मरने तक यही हमारे शरीर को चलाते हैं |
इन पांचों का हमारे शरीर में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग काम होता हैं जिससे हमारे शरीर की सारी क्रिया होती हैं | इंसान के बीमार होने का मुख्य कारण भी इन तत्वों की कमी या ज्यादा होने से हो सकता हैं और इन तत्वों की चिकित्सा से इंसान की सारी बीमारियों को दुर किया जा सकता हैं |
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पंचतत्वों से बीमारियों को ठीक करने की चिकित्सा को “प्रकार्तिक चिकित्सा” कहते हैं| इससे अंग्रेजी में “Naturopathy” कहते हैं | ये दो शब्दों से मिलकर बना हैं – naturo और pathos|Naturo का मतलब होता हैं “प्रकती ” और pathos का मतलब होता हैं ” पीड़ा या दर्द दुर करना”| तो Naturopathy का सीधा सा मतलब होता हैं प्रकार्ति की मदद से बीमारियों को दुर करना | अब आप सोच रहे होंगे के प्रकार्ति से कैसे बीमारियों को दूर कर सकते हैं | अब हम प्रकार्ति चिकित्सा का थोड़ा सा परिचय देंगे |
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1.आग – इसे अग्नि तत्व कहते हैं | इस तत्व में सूर्य की रोशनी से चिकित्सा की जाती हैं | अलग अलग रंग की बोतलों में पानी भर कर सूर्य की रोशनी में रखा जाता हैं और अलग अलग बीमारियों में उससे पिया जाता हैं | sun bath भी इस तत्व में आता हैं |
2.पानी – इसे जल तत्व कहते हैं | इस तत्व में बाथ थेरपी आती हैं | अलग अलग तरीके से किस बीमारी में शरीर के किस भाग को पानी में भिगो कर रखने से कोन सी बीमारी ठीक होती हैं | इसमे स्टीम बाथ , जलनेती , कुंजल जैसी क्रिया भी होती हैं |
3.हवा – इसे वायु तत्व कहते हैं | इसमे प्राणायाम और सुबह की सेर आती हैं| जिसे वायु स्नान कहते हैं | इस तत्व में सांस लेने और छोड़ने की क्रिया कैसे करनी चाहिए ये भी आता हैं |
4.धरती – इसे पृथ्वी तत्व कहते हैं | इस तत्व में मिट्टी से चिकित्सा की जाती हैं | शरीर के अलग अलग भाग पर मिट्टी की पट्टी रखी जाती हैं | शरीर के जिस भाग पर दर्द या बीमारी होती हैं उस भाग पर मिट्टी का लेप लगाया जाता हैं | इसमे mud bath भी आता हैं जो पूरे शरीर को रोगमुक्त बनाता हैं |
5.आसमान – इसे आकाश तत्व कहते हैं | इस तत्व में Fasting Therapy आती हैं | Fasting का मतलब होता हैं उपवास या व्रत | आकाश तत्व चिकित्सा में हमारी आंतों को आराम देने के लिए अलग अलग तरीके के उपवास किए जाते हैं जो हमारे शरीर को साफ करने में मदद करते हैं |
तो ये था प्राकृतिक चिकित्सा यानि Naturopathy का छोटा सा परिचय जिससे हमे इसके इलाज करने की विधियों का पता चला | Naturopathy में हर बीमारी को दुर करने की शक्ति हैं | हम प्रकार्तिक जीवन जीकर बिना दवाइयों के अपनी बीमारी को ठीक कर सकते हैं|