Thursday, December 26, 2024
MGU Meghalaya
Homeस्वास्थ्यक्या होता है déjà vu? क्यों लगता है, की ऐसा भी पहले...

क्या होता है déjà vu? क्यों लगता है, की ऐसा भी पहले कभी हुआ था

déjà vu यह एक फ्रेंच भाषा है जिसका अर्थ होता है : पहले से देखा हुआ। आपको जानके हैरानी होगी की हमे लगता है की जो हम देख रहे हैं वो पहले भी हो चूका है। लेकिन यह कोई आपका वहम नहीं है। ऐसे होने की स्थिति को (डेजा वु) deja vu कहते है।

अब जानते है की क्या है déjà vu और होता कैसे है ?

जी हाँ, आप किसी भी जगह पर हो, आप कुछ कर रहे हो, या जैसे वही रोज़मर्रा की जिंदगी में हो पर एक क्षण ऐसा लगता है की ये तो पहले भी हो चूका था लेकिन आप सोचते है की यह तो पहली बार इस जगह आया हूँ, और पहलीबार इस व्यक्ति से मिला हूँ, यह सब तो पहले भी हो चूका है इसी परिस्थिति को डेजा वो कहते है। आपके इर्द गिर्द की आवाज़े, आस पास के लोग या आप खुद सब कुछ बिलकुल वैसा ही लगता है जैसे पहले हुआ है लेकिन आपको याद नहीं क्यूंकि आप के साथ पहली बार ही हुआ है।

– यह बहुत थोड़े समय के लिए होता है।
– जैसे आप यह ब्लॉग रीड कर रहे है और आपको लगने लगे की आप पहले भी यह सब पढ़ चुके है।
– लेकिन यह सब एक फीलिंग है जो आपको महसूस होता है।

क्या आप जानते है की ऐसा क्यों होता है?

दरअसल, सेरेब्रल लोब में विफलता के कारण यह दिखाई देती है। मस्तिष्क में टेम्पोरल लोब के सक्रिय होने के कारण होता है ये कुछ यादें बनाने लगता है। टेम्पोरल लोब स्वयं सक्रिय होते है इसे सक्रिय नहीं करना पड़ता।
ऐसा आमतोर पर
– पहली बार यह 8 -10 साल की उम्र में महसूस होता है।
15 से 25 के उम्र में होती है लेकिन यदि ये लगातार हो रहो तो डॉक्टर से जांच करवाए।
25 साल के उम्र के बाद ये धीरे धीरे कम होते जाते है।
– इसकी कई थ्योरी हैं।
– मेमोरी थ्योरी ही पहली थ्योरी हैं।
– शार्ट टर्म मेमोरी को ही टेम्पोरल लोब में रखते है इसी को शोर्ट टर्म मेमोरी में अलग स्टोर होता है।
– यानि जो अभी घाट रहा है वो अलग मेमोरी में स्टोर हो रही है
– ऐसा ही यदि मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण शार्ट टर्म मेमोरी लॉन्ग टर्म मेमोरी में जाती हुई लगती है।
3 D होलोग्राम थ्योरी
– वही लॉन्ग टर्म मेमोरी।
– यूँ कहे की ड्रीम थ्योरी: जिसमे हम कुछ सपने ऐसे भी देखते है जो भविष्य में होने वाला होता है।
– इसी ड्रीम को हमारा दिमाग एक असल याद (मेमोरी) की तरह याद को स्टोर रखता है।
– सबसे इंटरेस्टिंग थ्योरी है मैट्रिक्स में एक ग्लिच का होना इसे ‘ग्लिच इन द मैट्रिक्स थ्योरी’ जिसमे एक प्रकार की गड़बड़ी जो
– deja वू एक ऐसी थ्योरी है जिसमे वैज्ञानिको का मानना है की ये एक मेमोरी फेनोमेनन है। जो ऐसी परिस्तिथि को एनकाउंटर करता है जो एक्चुअल मेमोरी के सामान है लेकिन पूरी तरीके से याद नहीं कर पाता। और हमारा दिमाग वर्तमान स्थिति और भूत काल की स्थिति के बीच स्थितियों की समानताओं का पहचान करता है।
– इसी को सिमुलेशन थ्योरी बोलते है।

समान्तर ब्रह्माण्ड( Parallel Universe) का सिद्धांत :

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है की हम असल ब्रह्माण्ड में नहीं कंप्यूटर से बने हुए ब्रह्माण्ड में रहते है। डेजा वो ब्रह्माण्ड में हो रही किसी ग्लिच के कारण होता है।
लेकिन ऐसा किसी दावे के साथ नहीं कह सकते।

डेजा वो क्या कभी भी मुसीबत बन सकती हैं?

– अगर ऐसा कभी- कभार होता हो तो कोई इशू नहीं हैं।
– लेकिन कोई व्यक्ति ज्यादा स्ट्रेस में होता है तो डेजा वो देखने की संभावना ज्यादा रहती है।
– अगर ऐसा बार बार हो तो ये स्थिति हमे परेशान कर देने वाला होता है।

– कहा जाता है की मानव मस्तिष्क में कई ब्रह्माण्डों में शामिल होने की क्षमता है।
– इस तरह से मस्तिष्क तरंगों की तुलना रेडियो तरंगों के साथ की जाती है। इसी वजह से हम एक समानांतर ब्रह्माण्ड के साथ एक ही रूप में वाइब्रेट कर सकते है।

- Advertisment -
Most Popular