Sunday, September 8, 2024
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Paris Olympic Opening ceremony में छिड़ा विवाद, जीसस का हुआ अपमान ?

Paris Olympic Opening ceremony: पेरिस में ओलंपिक की शुरुआत हो चुकी है जहां शुक्रवार को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ इस बड़े टूर्नामेंट का आगाज किया गया। पेरिस ओलंपिक की शुरुआत रंगारंगा कार्यक्रम के साथ हुई। सीन नदी के किनारे आयोजित हुए उद्घाटन समारोह में भारत सहित इसमें भाग लेने वाले सभी देशों ने बोट परेड के जरिए हिस्सा लिया।

उद्घाटन समारोह के अंत में आईओसी प्रमुथ थॉमस बाक ने लोगों को संबोधित किया, जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पेरिस ओलंपिक के शुरुआत की आधिकारिक घोषणा की।

लेडी गागा सहित कई कलाकारों ने किया मनोरंजन

कार्यक्रम के दौरान लेडी गागा सहित कई प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुति पेश की और दर्शकों का मनोरंजन किया। इस बीच उद्घाटन समारोह में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने दुनियाभर के लोगों की नींद उठा दी है। फ्रांस को जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर लगातार आलोचना की जा रही है।

दरअसल, पेरिस में ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में ‘लास्ट सपर’ की नकल करते हुए ड्रैग क्वीन्स के प्रदर्शन की सोशल मीडिया पर, विशेष रूप से ईसाई समुदाय की ओर से कड़ी आलोचना की गई है। इस कार्यक्रम में 18 कलाकार एक लंबी मेज के पीछे खड़े थे, ठीक उसी तरह जैसे लियोनार्डो दा विंची की पेंटिंग ‘लास्ट सपर’ में और उनके बारह देवदूतों को दर्शाया गया है।

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एक महिला और एक पुरूष चर्चा में | Paris Olympic Opening ceremony

सबसे ज़्यादा ध्यान आकर्षित करने वाली चीज़ ये थी कि एक महिला ने सिर पर एक बड़ा सा चांदी का हेडड्रेस पहन रखा था जो जीसस की पेंटिंग में दिखाए गए प्रभामंडल जैसा दिख रहा है। इसके अलावा एक और हरकत थी जिस पर आलोचना हुई।

दरअसल, कार्यक्रम में एक आदमी ऐसा भी दिखा जो नीले रंग से रंगा हुआ और सिर्फ़ फूलों और फलों की एक माला से ढंका हुआ था। ऐसा लग रहा था कि यह हरकत यह दर्शा रही थी कि उसे ‘अंतिम भोज’ के लिए एक व्यंजन के रूप में परोसा जा रहा था।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार घमासान मचा हुआ है और लोग इस पर सवाल भी पूछ रहे हैं। लोगों ने इसे कैथोलिकों का “अपमान” बताया है। इस विषय पर शोधकर्ता डॉ. एली डेविड ने टिप्पणी की है। उन्होनें एक्स पर लिखा, “एक यहूदी होने के नाते भी, मैं ईसा मसीह और ईसाई धर्म के इस अपमानजनक प्रदर्शन से दुखी हूं।

इसके अलावा अवार्ड विनिंग ब्रॉडकास्टर नियाल बॉयलन ने कहा कि ‘अंतिम भोज’ का चित्रण घोर अनादर और उकसावे वाला था। उन्होंने कहा, “यीशु को एक महिला और शिष्यों को ट्रांसवेस्टाइट के रूप में चित्रित किया गया है। मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने इस्लाम का इसी तरह से मजाक क्यों नहीं उड़ाया।” इसी तरह के कई सवाल आज फ्रांस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। फ्रांस मुश्किलों से घिरता हुआ नजर आ रहा है।

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