Bihar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिए गए एक बयान के बाद से जंग छिड़ गई है। दरअसल, नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में अपने भाषण के दौरान जनसंख्या नियंत्रण प्रक्रिया में महिलाओं की भूमिका पर टिप्पणी की जिसके बाद वो विवादों में फंस गए हैं। विधायकों को संबोधित करते हुए, जिसमें कुछ महिला नेता भी शामिल थीं, नीतीश कुमार ने बताया कि महिलाओं की शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण में कैसे योगदान देती है। साथ ही ये भी बताया कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान रोक सकती है। नीतीश कुमार के बयान के बाद कई लोग उनका समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कई लोग नीतीश कुमार को महिलाओं से माफी मांगने की सलाह दे रहे हैं।
क्या नीतीश कुमार की जुबां फिसली ?
चलिए विस्तार से जानते हैं… मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जातिगत जनगणना के दूसरे पार्ट की रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद उन्होंने राज्य में 65% आरक्षण का प्रस्ताव पेश कर दिय। इसे राज्य सरकार का ‘विनिंग कार्ड’ माना जा रहा था, जिस पर विपक्षी दल भाजपा को भी सरकार के समर्थन में खड़ा होना पड़ा। लेकिन इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार की जुबां ऐसी फिसली कि वे जनसंख्या नियंत्रण का जिक्र करते हुए कुछ ऐसी बातें कह गए, जिसके बाद सभी महिला विधायकों को शर्म से मुंह छिपाना पड़ा। नीतीश कुमार के इन डॉयलॉग का वीडियो थोड़ी देर में ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने माफी मांगने को कहा
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार पर प्रजनन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बोलकर राज्य की महिलाओं को “शर्मिंदा” करने का आरोप लगाया। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार के बयान की राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी आलोचना की है। महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि एनसीडब्ल्यू इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से सीएम नीतीश कुमार से तत्काल माफी की मांग करता है। विधानसभा में उनकी अमर्यादित टिप्पणी उस गरिमा और सम्मान का अपमान है जिसकी हर महिला हकदार है। उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है। हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और पूरे मामले को लेकर जवाबदेही की मांग करते हैं।
तेजस्वी यादव ने किया नीतीश कुमार का बचाव
इधर, जब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सीएम नीतीश कुमार के बयान पर सवाल किया गया तो उप मुख्यमंत्री ने कहा नीतीश कुमार का बचाव किया। उन्होनें कहा कि, “अगर कोई इस बयान का गलत मतलब निकालता है तो ये गलत बात है। मुख्यमंत्री का बयान सेक्स एजुकेशन को लेकर था। जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है तो लोग शर्माते हैं, झिझकते हैं, जिससे बचना चाहिए। इसकी पढ़ाई तो अब स्कूलों में होती है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए व्यावहारिक तौर पर क्या किया जाना चाहिए? इसे गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए।”