Vat Savitri Purnima Vrat 2023 : हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास में आने वाली पूर्णिमा को सबसे खास व पवित्र माना जाता हैं। कहा जाता है कि जो भी सुहागिन महिलाएं ये व्रत रखती है, इससे उनके पति की आयु लंबी और सेहत अच्छी रहती है। इस बार वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 03 जून 2023 को रखा जाएगा, जिसे देश के कई राज्यों में ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Vat Savitri Purnima Vrat 2023) गंगा स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना व दान-दक्षिणा करने से व्यक्ति की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही उसकी सभी मनोकामना जल्द पूर्ण होती है।
यह भी पढ़ें- June 2023 Vrat-Festival : कबीर जयंती, विनायक चतुर्थी और ईद उल-अजहा कब? जानें जून माह के व्रत-त्योहार की पूरी लिस्ट
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार वट सावित्री पूर्णिमा तिथि का आरंभ 3 जून 2023 को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 4 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 03 जून 2023 को रखा जाएगा। इस दिन प्रात: पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक है। इसके अलावा दोपहर में पूजा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं, लाभ-उन्नति का शुभ मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 बजे से लेकर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट तक है और अमृत-सर्वोत्तम का शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 47 बजे से लेकर शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है।
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत की पूजन विधि
- व्रत के दिन महिलाएं प्रात: काल उठकर स्नान करने के बाद नए वस्त्र पहने और सोलह श्रंगार करें।
- इसके बाद सावित्री देवी के सामने खड़े होकर व्रत का संकल्प लें।
- फिर शाम में बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री देवी की पूजा करें।
- पूजा आरंभ करने से पहले बरगद के पेड़ की जड़ो में जल चढ़ाएं, प्रसाद का भोग लगाएं और धूप-दीपक जलाएं। इस दौरान हाथ में पंखा लेकर वट वृक्ष को हवा करें और मां सवित्री के समक्ष अपनी इच्छा रखें।
- इसके बाद वट वृक्ष के चारों ओर कच्चे धागे या मोली को लेकर उसे 7 बार बांधें। इस दौरान मां से अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।
- अंत में सावित्री-सत्यवान की कथा सुनें व पढ़ें।
- इसके बाद घर आकर उसी पंखें से अपने पति को भी हवा करें। साथ ही उनका आशीर्वाद लें।
- फिर प्रसाद में चढ़े फल व मिठाई आदि को ग्रहण कर शाम में अपना व्रत खोलें।
यह भी पढ़ें- Vat Savitri Vrat 2023 : वट सावित्री व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये गलती, जानिए पूजा विधि
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।