Friday, January 24, 2025
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Uttarakhand Municipal Corporation Elections: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का मतदान,11 नगर निगमों में वोटिंग

Uttarakhand Municipal Corporation Elections: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के लिए आज मतदान हो रहा है। प्रदेश के 100 नगर निकायों में नई सरकार चुनने के लिए मतदाता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस बार 30 लाख से अधिक मतदाता कुल 5,000 से अधिक प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान के लिए राज्य भर में 1,516 मतदान केंद्र और 3,394 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। इनमें 592 संवेदनशील और 412 अतिसंवेदनशील केंद्र भी शामिल हैं।

सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। दिन चढ़ने के साथ ही मतदाताओं का उत्साह और बढ़ता गया। युवाओं से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने पहुंचे।

चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतदान केंद्रों पर 18,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, राज्य में 185 चेकिंग बैरियर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 117 बैरियर सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं।

नगर निगमों की संख्या 6 से 11 हुई 

राज्य में नगर निगमों की संख्या पिछले छह वर्षों में बढ़कर 11 हो गई है। इस बार श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में पहली बार नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले ये नगर पालिकाएं थीं। हालांकि, नगर पालिका किच्छा और नरेंद्रनगर इस चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं।

11 नगर निगमों में मेयर पद के लिए 72 प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, 89 नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए 445 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सभी नगर निगम, पालिका और पंचायतों में कुल 4,888 वार्ड सदस्य/पार्षद प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

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चुनाव प्रक्रिया में इस बार खास बदलाव के तहत बैलेट पेपर के रंगों में भिन्नता की गई है। मेयर पद के लिए नीले रंग के बैलेट पेपर, पार्षद और नगर पालिका/नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों के लिए सफेद बैलेट पेपर, नगर पालिका अध्यक्ष के लिए हरे और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए गुलाबी बैलेट पेपर का उपयोग किया जा रहा है। मतदाताओं को “नोटा” (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प भी उपलब्ध कराया गया है।

वोट का प्रतिशत बढ़ा 

उत्तराखंड में पिछले निकाय चुनावों में मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ा है। 2008 में 60 प्रतिशत, 2013 में 61 प्रतिशत और 2018 में 69.79 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत को 70 से 75 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

चुनाव के प्रति जनता का यह उत्साह राज्य में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। इन चुनावों के नतीजे राज्य के शहरी विकास और प्रगति की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।

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