US Presidential Election 2024: अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति चुनाव की रेस 4 नवंबर को समाप्त हुई। अब 7 नवंबर की सुबह से होने वाले मतदान के नतीजे तय करेंगे कि अगले चार वर्षों तक व्हाइट हाउस में कौन रहेगा। प्रचार के अंतिम दिनों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने पेन्सिलवेनिया राज्य पर विशेष जोर दिया, जहां उन्होंने पिट्सबर्ग में बड़ी रैलियां कीं। हैरिस ने प्रचार का आखिरी दिन इसी राज्य में बिताया।
इस चुनाव में दोनों ही दलों का ध्यान मुख्यतः सात स्विंग स्टेट्स (पेन्सिलवेनिया, विस्कॉन्सन, मिशिगन, एरिजोना, नॉर्थ कैरोलाइना, जॉर्जिया, नेवादा) के 93 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों पर था, जिनमें अकेले पेन्सिलवेनिया के पास 19 वोट हैं। यहां की जनता की राय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन राज्यों में दोनों दलों का जनाधार संतुलित है। पिछले कुछ हफ्तों में इन राज्यों में जबरदस्त प्रचार हुआ, जिसमें मतदाताओं को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए।
अब तक 7.91 करोड़ वोट पहले ही डाले जा चुके हैं, और कुछ जगहों पर, जैसे एरिजोना में, इन वोटों की छंटाई भी शुरू हो गई है। एरिजोना, पेन्सिलवेनिया, और विस्कॉन्सन जैसे राज्य पारंपरिक रूप से धीमी मतगणना के लिए जाने जाते हैं। इसलिए, पूरे चुनाव के नतीजे आने में कुछ समय लग सकता है। मतगणना के दौरान सबकी नजरें जॉर्जिया और नॉर्थ कैरोलाइना पर होंगी, जहां से शुरुआती नतीजों की उम्मीद की जा रही है। अधिकतर महत्वपूर्ण राज्य पूर्वी अमेरिका में स्थित हैं, जहां मतदान पहले खत्म होगा, और मतगणना भी पहले शुरू होगी।
चुनावी गणित के हिसाब से, कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक गढ़ों से 226 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलने की संभावना है, जबकि ट्रंप के पास 219 वोट हैं। व्हाइट हाउस की कुर्सी तक पहुंचने के लिए हैरिस को 44 और ट्रंप को 51 वोटों की आवश्यकता है।
आखिरी पोल्स ने दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर दर्शाई है। इन पोल्स के अनुसार, हैरिस 49% मतों के साथ थोड़ी आगे हैं, जबकि ट्रंप 48% पर हैं। 1% का यह अंतर चुनाव परिणाम के नतीजों को अनिश्चित बनाता है, और इस बात की संभावना है कि यह चुनाव न्यायालय तक पहुंच सकता है। 2000 में अल गोर और जॉर्ज बुश जूनियर के बीच के मुकाबले की तरह, इस बार भी चुनावी परिणाम अदालत में चुनौती दिए जा सकते हैं।