Upcoming Vidhansabha Elections :‘ मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण, जिसे ‘आज तक’ और ‘सी-वोटर’ ने मिलकर किया है, चार राज्यों हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता का मूड जानने का प्रयास है। इस सर्वे में अप्रत्याशित नतीजे सामने आए हैं जो इस बात का संकेत देते हैं कि इन राज्यों में जनता का रुझान किस ओर जा सकता है।
हरियाणा में राजनीतिक माहौल
हरियाणा में सर्वे के अनुसार, बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है। 44% लोग मौजूदा सरकार के काम से नाखुश हैं, जबकि केवल 27% लोग ही सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री के काम से संतुष्ट लोगों का प्रतिशत भी केवल 22% है। यह संकेत देता है कि राज्य में मौजूदा सरकार के प्रति जनसमर्थन कम है। आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 44 सीटें मिलने का अनुमान है, जो इसे प्रमुख पार्टी के रूप में उभार सकता है। सर्वे से पता चलता है कि भले ही जनता का एक बड़ा हिस्सा सरकार से नाखुश है, लेकिन विपक्ष अभी भी उन्हें पूरी तरह से अपनी ओर नहीं खींच सका है।
झारखंड में जनता का मिजाज | Upcoming Vidhansabha Elections
झारखंड में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं। ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण के अनुसार, 27% लोग राज्य सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 37% लोग नाखुश हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कामकाज से केवल 25% लोग ही संतुष्ट हैं, जबकि 35% लोग असंतुष्ट हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि राज्य में वर्तमान सरकार के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया है, जिसमें असंतोष की भावना अधिक दिखाई देती है। विपक्ष के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, केवल 14% लोग ही संतुष्ट नजर आए, जो बताता है कि विपक्षी दल भी राज्य में मजबूत स्थिति में नहीं हैं।
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महाराष्ट्र में राजनीतिक संतुलन | Upcoming Vidhansabha Elections
महाराष्ट्र में भी सर्वेक्षण में मिले-जुले नतीजे सामने आए हैं। राज्य सरकार के कामकाज से 25% लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं, जबकि 34% लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं। करीब 34% जनता सरकार के काम से असंतुष्ट भी है। यह डेटा राज्य की राजनीतिक स्थिति में एक मिश्रित तस्वीर पेश करता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कामकाज से 35% लोग संतुष्ट हैं, लेकिन 28% लोग उनसे असंतुष्ट भी हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र में सरकार को लेकर जनता का मिजाज विभाजित है, और आगामी चुनावों में यह राज्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर में अप्रत्याशित नतीजे
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है और यह अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य में पहली बार हो रहे हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, अगर आज जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव होते हैं, तो महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को एक सीट मिलने की संभावना है। यह वही सीट है जो एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी। राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है, जहां 47% लोगों ने इसे प्राथमिक चिंता के रूप में बताया है।