Thursday, November 21, 2024
MGU Meghalaya
HomeराजनीतिUpcoming Elections And Bjp Challenges : चार राज्यों में चुनाव और भाजपा...

Upcoming Elections And Bjp Challenges : चार राज्यों में चुनाव और भाजपा की चुनौतियां, क्या है भाजपा का रणनीति

Upcoming Elections And Bjp Challenges: इस साल चार राज्यों—हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी जानकार और देश की राजनीति पर नजर रखने वाले राजनीतिक विशेषज्ञ बताते है कि इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जो इस बात का निर्धारण करेंगी कि पार्टी की आगे की दिशा क्या होगी।

हरियाणा में BJP की सरकार है, वहीं महाराष्ट्र में BJP गठबंधन की। झारखंड में BJP वापसी की कोशिश में है तो जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में BJP ने इस बार 400 पार का नारा जरूर दिया था, लेकिन वह अपने दम पर बहुमत के आंकड़े के करीब भी नहीं पहुंच पाई।

हरियाणा: BJP के लिए सत्ता बचाने की चुनौती

हरियाणा में पिछले दो बार से लगातार BJP की सरकार है। 2014 में पार्टी ने पहली बार यहाँ सत्ता में कदम रखा और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी खट्टर के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई गई। लेकिन 2019 के चुनाव के बाद से ही BJP को यहाँ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। हाल ही में, चुनाव से पहले नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर खट्टर को केंद्र में भेजा गया, जिससे राज्य में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

अग्निपथ स्कीम का असर | Elections And Bjp Challenges

हरियाणा में फौज में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या बहुत अधिक है, और यहाँ के किसान भी नए कृषि कानूनों के कारण पहले से ही नाराज हैं। अग्निपथ स्कीम को लेकर विपक्ष का आक्रामक रुख BJP के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस स्कीम को युवाओं के खिलाफ बताते हुए लगातार हमले कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें : Hindenburg Report And Poltics : हिंडनबर्ग मामले में कांग्रेस के वार के बाद बीजेपी नेता का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस स्कीम के पक्ष में बयान देने के बावजूद, विधानसभा चुनावों में इसका क्या असर होगा, यह देखना होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने यहाँ की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वह सिर्फ 5 सीटों पर ही सफल हो पाई। इस गिरावट से स्पष्ट होता है कि पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव की राह आसान नहीं होगी।

LS elections: 8,360 candidates in fray in 2024 polls, highest since 1996 |  Lok Sabha Elections News - Business Standard

महाराष्ट्र: गठबंधन में दरार या मजबूती?

महाराष्ट्र में BJP गठबंधन की सरकार है, लेकिन लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। BJP को राज्य की 28 सीटों में से केवल 9 पर ही जीत मिली। 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 106 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कुल 288 सीटों में से यह संख्या काफी कम है।

मराठा आरक्षण और क्षेत्रीय चुनौतियाँ | Elections And Bjp Challenges

मराठा आरक्षण का मुद्दा राज्य में BJP के लिए मुसीबत बन सकता है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को मराठवाड़ा क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ा, जहाँ वह एक भी सीट नहीं जीत पाई। इस क्षेत्र में 46 विधानसभा सीटें हैं, और यहाँ के परिणाम चुनावी गणित को काफी हद तक प्रभावित करेंगे। इसके अलावा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ गठबंधन का समीकरण भी महत्वपूर्ण होगा। पार्टी के भीतर एक धड़ा ऐसा भी है जो चाहता है कि BJP अपने दम पर चुनाव लड़े, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग गठबंधन को जारी रखने के पक्ष में हैं।

झारखंड: जनजातीय वोट बैंक पर नजर

झारखंड में BJP के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनजातीय आबादी को अपने साथ लाने की है। राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है, लेकिन सोरेन के जेल जाने के बाद उनके पक्ष में सहानुभूति की लहर भी है। लोकसभा चुनाव में BJP जनजातीय आरक्षित पांच सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई, जिससे स्पष्ट है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को जनजातीय वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

राज्य में 81 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 28 अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित हैं। BJP के पास यहाँ कोई मजबूत जनजातीय चेहरा नहीं है, जिससे उसे चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

जम्मू-कश्मीर: आर्टिकल 370 हटने के बाद की परीक्षा

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा, जो BJP के लिए साख का सवाल बन गया है। परिसीमन के बाद, जम्मू रीजन में विधानसभा सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गई, जबकि कश्मीर में 46 से 47 सीटें हो गईं।

आतंकी हमले और क्षेत्रीय नैरेटिव

जम्मू रीजन में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी के बावजूद, BJP यहाँ सभी 43 सीटों पर या ज्यादातर सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। वहीं कश्मीर की 47 सीटों में से कई सीटों पर पार्टी छोटे दलों या निर्दलीयों को समर्थन दे सकती है। आर्टिकल 370 हटाने के बाद पार्टी का यह नैरेटिव कि जम्मू-कश्मीर में शांति आ गई है, हालिया आतंकी हमलों के चलते कमजोर हुआ है। इस चुनाव के नतीजे यह बताएंगे कि जनता ने BJP के इस कदम को किस तरह लिया है और क्या पार्टी अपने नैरेटिव को बनाए रखने में सफल हो पाती है या नहीं।

नतीजों का राष्ट्रीय परिदृश्य पर असर

इन चार राज्यों के चुनावी नतीजे BJP के राष्ट्रीय परिदृश्य पर भी असर डालेंगे। लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा और अब इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव यह निर्धारित करेंगे कि अगले कुछ सालों में पार्टी की राजनीति और रणनीति क्या होगी।

हरियाणा में सत्ता बचाना, महाराष्ट्र में गठबंधन की राजनीति को साधना, झारखंड में जनजातीय वोट बैंक को आकर्षित करना, और जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद का पहला चुनाव जीतना BJP के लिए बड़ी चुनौती होगी। इन चुनौतियों से निपटने में पार्टी कितनी सफल होती है, यह इस साल के अंत तक स्पष्ट हो जाएगा।

- Advertisment -
Most Popular