UGC : यूजीसी से एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, यूजीसी ने अब यूनिवर्सिटीज को विदेश के तर्ज पर साल में दो बार एडमिशन लेने की अनुमति प्रदान कर दी है. हाल ही में हुए यूजीसी कमिशन की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी है. बताया जा रहा है कि इससे भारतीय विश्विधालयों को ग्लोबल लेवल पर लाने में मदद मिलेगी. यूजीसी के इस फैसले पर शिक्षाविदों ने खुशी भी जताई है.
इस कारण लिया गया ये फैसला
इस फैसले को लेकर यूजीसी की ओर से कहा गया है कि ग्लोबल लेवल पर साल में दो बार एडमिशन का सिस्टम है. ऐसे में भारतीय विश्विधालयों को भी ये मौका प्रदान किया जा रहा है ताकि वे ग्लोबल लेवल पर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के साथ टाईअप कर सकें.
साल में दो बार एडमिशन के इस फैसले को लेकर ये भी बताया गया है कि ये नियम जरूरी नहीं है. कहा गया है कि जैसै विश्विधालयों को ग्रेजुएशन कोर्स के लिए समय दिया गया है वैसे ही उच्च शिक्षा संस्थान इंफ्रास्ट्रक्चर के हिसाब से साल में दो बार एडमिशन ले सकते है.
छात्रों को होगा फायदा
बताया जा रहा है कि यूजीसी के इस फैसले से छात्रों को फायदा होगा. यूजीसी के इस फैसले से वैसे छात्र जिनके रिजल्ट देर से आते हैं या जो छात्र हेल्थ कारणों से जुलाई – अगस्त के सेशन में एडमिशन नहीं ले पाते हैं वे जनवरी – फरवरी में एडमिशन ले पाएंगे.इससे छात्रों को एडमिशन लेने के लिए पूरे एक साल का इंताजार नहीं करना होगा.
गौरतलब है कि QS वर्लड यूनिवर्सिटी रैकिंग में टॉप 100 में कोई भारतीय संस्थान नहीं है. ऐसे में सरकार और यूजीसी की कोशिश है कि भारतीय विश्विधालय भी QS वर्लड यूनिवर्सिटी रैकिंग के टॉप 100 या टॉप 50 में शामिल हो.