Recently updated on July 25th, 2024 at 12:41 pm
M.Phil : कमाल की बात है कि देश में कई यूनिवर्सिटीज यूजीसी के आदेश को मानने में भी आनाकानी कर रहे है. इससे भी ज्यादा हैरत वाली बात है कि वे यूजीसी के आदेश के विरूद्ध जाकर एक विशेष कोर्स में नए एडमिशन ले रहे हैं. यूजीसी (UGC)ने यूनिवर्सिटीज को M.Phil (मास्टर ऑफ फिलास्फी) को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है. दरअसल, यूजीसी ये बहुत स्पष्ट रूप से पहले ये साफ कर चुका है कि अब M.Phil मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है. लेकिन ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ यूनिवर्सिटी एमफिल कोर्स के लिए नए सिरे से आवेदन मांग रही हैं.
M.Phill कोर्स को लेकर UGC ने University को दी कड़ी चेतावनी
यूजीसी ने इसे बिल्कुल गलत बताया है. यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि M.Phil मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है और इस कोर्स में दाखिल नहीं हो सकता है. जो यूनिवर्सिटी ऐसा कर रही है उन्हें दाखिला प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोकना चाहिए. इस संबंध में यूजीसी द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया है कि कोई भी यूनिवर्सिटी M.Phil कोर्स नहीं चला सकती. जारी नोटिस में यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को 2023-24 के लिए किसी भी M.Phil कार्यक्रम में दाखिल कल रोकने को कहा है. साथ ही छात्रों से भी कहा गया है कि स्टूडेंट को भी देखना होगा कि वह किसी एमफिल कोर्स में दाखिला न लें. दरअसल, यूजीसी ने नवंबर 2022 में एमफिल कोर्स समाप्त कर दिया था, लेकिन नए कानून की अधिसूचना से पहले शुरू हुए एमफिल कोर्स प्रभावित नहीं होंगे. वर्तमान छात्रों को एमफिल की डिग्री प्राप्त करने के लिए कोर्स पूरा करने दिया जाएगा.
M.Phil ये जानकारी होनी आवश्यक है कि 4 ईयर कोर्स के बाद पीएचडी में एडमिशन हो सकेगा और अब एमफिल करने की जरूरत नहीं होगी. इतना सब स्पष्ट होने के बावजूद भी देश की कुछ यूनिवर्सिटिज द्वारा Master of Philosophy में नये एडमिशन लेने की बात यूजीसी तक जब पहुंची है तो इसको लेकर यूजीसी ने ऐसे विश्वविधालयों को कड़ी चेतावनी जारी की है. मेरे ख्याल से ऐसी यूनिवर्सिटीज को समय रहते सुधर जाना चाहिए क्योकि यूजीसी के आदेश की अनदेखी कर M.Phil में एडमिशन लेना उन्हें भारी पड़ सकता है. छात्रों से भी मेरा अनुरोध रहेगा कि वे Master of Philosophy(M.Phil) में एडमिशन न लें क्योकि यूजीसी ये बहुत स्पष्ट रूप से साफ कर चुका है कि अब M.Phil मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है.