तुर्की-सीरिया में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने अब तक 8700 से अधिक लोगों की जान ले ली है। तुर्की में 3 महीने तक इमरजेंसी का ऐलान भी कर दिया गया है। यहां बचाव कर्मी इमारतों के नीचे फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। वहीं तुर्की और सीरिया इस समय मौसम की मार भी झेल रहा है। दरअसल, यहां खराब मौसम के कारण बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
खराब मौसम ने बढ़ाई परेशानियां
बीते सोमवार से तुर्की और सीरिया में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं। अभी तक तुर्की सीरिया में करीब चार बार भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए जा चुके है। तुर्की में भीषण भूकंप के चलते अब तक 8700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 45 हजार से अधिक लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। 7.8 की तीव्रता के इस शक्तिशाली भूकंप ने तुर्की और सीरिया में तबाही मचा दि है। वहीं मौसम खराब होने के चलते बचाव अभियान में परेशानियां खड़ी हो रही है। आपदाग्रस्त देश में खराब मौसम और कड़ाके की ठंड के बीच कई हिस्सों में बिजली और तेल की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। बता दे कि, तुर्की में इन दिनों भीषण ठंड और बारिश का दौर जारी है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन को सामान्य रूप से चलाना बेहद मुश्किल भरा है। वहीं ये स्थिति उन पीड़ित लोगों के लिए बेहद खराब है, जिन्होंने आपदा में अपने घर गंवा दिए हैं। न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बिजली और तेल की भी किल्लत है। प्रभावित क्षेत्रों में बचावकर्मी रात-दिन बचावकार्यों में जुटे हैं।
तुर्की में 3 महीने तक इमरजेंसी
तुर्की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी के निदेशक ने बताया कि भूकंप के चलते कम से कम 5,775 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। मलबा बन चुकी इमारतों के ढ़ेर से इंसानों को ढूढ़ने के लिए दिनरात रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसी बीच तुर्की में सरकार ने महीने तक इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। यहां सभी स्कूलों को 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं सभी सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बनाया गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने बताया कि अब तक 70 देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद के लिए आगे आए हैं।