Margashirsha Purnima 2022 : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत और रात्रि में माँ लक्ष्मी और चंद्रमा जी की पूजा करने का विशेष महत्त्व हैं। इस वर्ष की आखिरी पूर्णिमा आज यानी 7 दिसंबर 2022 को हैं। आज के दिन पूजा और व्रत रखने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2022) का आरंभ 7 दिसंबर 2022 की सुबह 08 बजकर 01 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन कल यानी 08 दिसंबर, गुरुवार की सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर होगा।
बता दें कि इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दो शुभ योग बन रहें हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग दोनों ही इस पावन दिन बन रहे है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज पूरे दिन बना रहेंगा। जबकि रवि योग आज सुबह 06:59 से प्रारंभ होकर अगले दिन सुबह 10:25 पर खत्म होगा। रवि योग में पूजा-अर्चना करने से अमंगल दूर होता है। जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग में शुभ कार्य किए जाते हैं।
पूर्णिमा पर करें लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा
उदयातिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2022) कल हैं। इसलिए पवित्र नदियों में स्नान कल होगा। स्नान के बाद दान-दक्षिणा आदि कार्य भी कल किए जाएंगे। लेकिन पूर्णिमा का व्रत और पूजा-पाठ आज होगा। व्रत रखने के साथ आज सत्यनारायण भगवान की कथा भी सूनी जाएगी। इसके अलावा रात में माँ लक्ष्मी और चंद्रमा जी की पूजा-अर्चना होगी।
माता लक्ष्मी को कमल का फूल, लाल गुलाब, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, कुमकुम, धूप-दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें। साथ ही उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाएं। इसके अलावा पूजा के दौरान शंख भी बजाएं। माँ लक्ष्मी की उपासना करने के बाद चंद्रमा की भी पूजा करें। चंद्रमा को दूध, जल, अक्षत् और सफेद फूल का अर्घ्य चढ़ाएं। कुंडली दोष, परिवार में सुख-शांति, समृद्धि, मन को स्थिर करने के लिए और धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए आज (Margashirsha Purnima 2022) पूजा जरूर करनी चाहिए।
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