Constitution Day of India : किसी देश का संविधान वहां के लिए सर्वोपरि होता हैं। तमाम देश की शासन व्यवस्था का निर्णय, वहां के संविधान द्वारा ही किया जाता है। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को पूरी तरह से तैयार हुआ था। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंभा लिखित संविधान हैं। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारतीय संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में लिखा था।
संविधान की मूल प्रति को भारतीय संसंद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे विशेष पारदर्शी बक्से में रखा गया है। इसमें शासन की संस्थाएं, कानून निर्माण, कानून लागू करने की प्रक्रियाओं की व्यवस्था और उनके आपस के संबंधो की तमाम व्याख्या है। देश का संविधान बाकी देशों के संविधान से बहुत अलग है, जो अपने आप में बहुत ज्यादा अनोखा हैं।
जानिए क्या है सच
हालांकि भारत के संविधान को लेकर एक परिपाटी भी चली आ रहीं है। देश के संविधान को उधार का संविधान (Borrowed Constitution) कहा जाता है। आज हम आपको इसके बारें में ही बताएगें की क्या सच में भारत का संविधान उधार का है या नहीं…?
भारत के संविधान (Constitution of India) में 448 धाराएं हैं, जिन्हें 25 भागों में बाटा गया है। साथ ही इसकी 12 अनुसूची, 5 परिशिष्ट और 105 संशोधन हैं। ये सच है कि भारतीय संविधान के अधिकतम प्रावधान दूसरे देशों के संविधान से लिए गए हैं। साथ ही इसे ब्रिटिश शासन के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 का विकसित रूप भी कहा जाता हैं। लेकिन ये किसी तरह की चोरी, उधार या नकल नहीं है बल्कि ये पूरी तरह से सोच-समझकर परीष्कृत किया गया है।
किन देशों से क्या अपनाया गया
भारतीय संविधान (Constitution of India) में मौजूद गणराज्य और न्याय व्यवस्था, गर्वनर का ऑफिस, लोक सेवा आयोग, आपातकालीन प्रावधान और प्रशासनिक विवरण, वर्ष 1935 में बनाए गए कानून से लिया गया हैं। द्विसदनीय संसदीय शासन की व्यवस्था ब्रिटेन के संविधान से ली गई हैं। भारतीय संविदान में उल्लेख नीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया और राज्यसभा के सदस्यों का नामांकन आयरलैंड के संविदान से लिया गया हैं। इसके अलावा अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और फ्रांस के संविधान से भी कई चीजों को भारतीय संविधान (Constitution of India) में शामिल किया गया हैं।