Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला स्थित प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने श्रद्धालुओं की संख्या में हो रही तेज़ी से बढ़ोतरी को देखते हुए नई दर्शन व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अत्याधुनिक तकनीक की मदद से दर्शन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे भक्त मात्र 2 घंटे में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर सकेंगे।
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Toggleवर्तमान स्थिति और नई व्यवस्था
तिरुपति मंदिर, जहां हर दिन लगभग 1 लाख श्रद्धालु आते हैं, में अभी दर्शन के लिए 20 से 30 घंटे का समय लग जाता है। नई व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के दर्शन का समय कम करने का उद्देश्य है। इसके अलावा, बोर्ड ने स्पेशल एंट्री दर्शन का कोटा समाप्त करने का भी निर्णय लिया है। वीआईपी दर्शन को लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं, और बोर्ड इस प्रकार के सवालों से बचना चाहता है।
स्थानीय नागरिकों और अनुशासन को लेकर कदम | Tirupati Temple
तिरुपति के स्थानीय निवासियों के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए तय किया गया है कि हर महीने के पहले मंगलवार को उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, मंदिर परिसर में अब राजनीतिक बयानबाजी पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति को कानूनी नोटिस भेजा जाएगा।
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लड्डू प्रसादम विवाद
सितंबर 2024 में तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। घी के नमूनों में कथित रूप से मिलावट और अशुद्धता के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में ‘पशु चर्बी’, ‘लार्ड’ और मछली के तेल की मौजूदगी की बात कही गई थी। इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआरसीपी (YSRCP) ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
नए बदलावों का महत्व
टीटीडी बोर्ड ने विवादों से बचने और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की है। बोर्ड के सदस्य जे. श्यामला राव ने बताया कि नई तकनीकों और नियमों से दर्शन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा। इस पहल से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी और मंदिर की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी।
तिरुपति मंदिर में नई व्यवस्था एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल भक्तों के लिए सुविधाजनक होगी बल्कि विवादों से बचने में भी मदद करेगी।