Thursday : सौर मंडल में कुल नौ गृह है जिसमें से गुरु गृह सूर्य से पांचवे स्थान पर हैं और सौरमंडल का सबसे बड़ा गृह हैं। इसे बृहस्पति भी कहते हैं। इसीलिए गुरूवार के दिन को बृहस्पति वार भी कहते हैं। ये दिन भगवान विष्णु का माना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु को प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है। इन्हे श्री हरि के नाम से भी जाना जाता है और इन्हे ब्रहस्पति देव का भी एक रूप माना जाता हैं।
भगवान विष्णु की पूजा से दूर होते हैं सभी दुख
भगवान विष्णु को जगत का पालनकर्ता माना जाता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए गुरूवार के दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से जीवन में सुख शांति आती है और सभी मनोकामनाए पूरी होती हैं। गुरुवार के दिन पीले रंग को प्रमुखता दी जाती है।पीले रंग के ही वस्त्र पहनने चाहिए।
ये भी पढ़ें : Sanatan and Hinduism : सनातन का मतलब जिसका “कभी अंत न हो “, सबसे पुरानी हैं इसकी जड़े
पूजा विधि |Thursday|
गुरुवार के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर के पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चड़ाये जाते हैं और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाते हैं। इस दिन केले के पेड़ की पूजा भी की जाती हैं । केले के पेड़ पर हल्दी का तिलक लगाया जाता हैं और गुड चड़ाया जाता हैं।
जल में हल्दी , गुड और चने की दाल डाल कर केले के पेड़ की जड़ में चड़ाया जाता हैं। व्रत रखने वालों को केले के पेड़ के पास बैठ कर व्रतकथा पढ़नी चाहिए और आरती भी करनी चाहिए। गुरुवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं करते। केवल मीठा या फीका ही खाया जाता हैं या कोई भी फलाहर कर सकते हैं।
क्या नहीं करना चाहिए ? |Thursday|
गुरूवार के दिन कपड़े नहीं धोने चाहिए। नाखून नहीं काटने चाहिए और बाल भी नहीं धोने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन घर में साफ सफाई भी नहीं करनी चाहिए। गुरुवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं करते केवल मीठा या फीका ही खाते हैं।
इस दिन क्या नहीं करना चाहिए और क्यू नहीं करना चाहिए इसके लिए पुराने संतों और माहात्मयो द्वारा अलग अलग कथा और कहानिया बताई जाती हैं। उनके अनुभव इस बात को बल देते हैं की गुरुवार के दिन कुछ निषेध कार्य हैं जो हमे नहीं करने चाहिए ।
Puri Shri Jagannath Temple…June 27 morning pic.twitter.com/WDvTsUYBC3
— Soumyajit Pattnaik (@soumyajitt) June 27, 2024
तो ये थे गुरुवार के दिन की मान्यता और इस दिन क्या नहीं करना चाहिए, क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए। इन सभी बातों को ध्यान में रख कर सच्ची श्रद्धा और साचे मन से जो विधि विधान से भगवान विष्णु जी की पूजा करता हैं। भगवान विष्णु उस पर प्रसन्न हो कर उसकी मनकामना पूर्ण करते हैं ।