Chandigarh: पीएम नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने तीनों नए कानूनों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को क्राइम सीन पर नए कानूनों को प्रभावी तरीके से दिखाने के लिए क्राइम सीन की जांच का लाइव डेमो दिखाया गया.
दरअसल, चंडीगढ़ पुलिस ने इस डेमो के माध्यम से पीएम और गृहमंत्री को बताया गया कि नए कानूनों की जांच, साक्ष्य प्रबंधन और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे की जाएगी. चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव की अगुवाई में नए कानूनों के कार्य करने के तरीके के डेमो की प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफ की और चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव और चंडीगढ़ पुलिस को बधाई दी.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी देशवासियों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के लागू होने की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हू. साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी. प्रधानमंत्री इस दौरान कहा कि एक ऐसे समय में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, जब संविधान के 75 वर्ष हुए हैं, तब संविधान की भावना से प्रेरित ‘भारतीय न्याय संहिता’ के प्रभाव का प्रारंभ होना, बहुत बड़ी बात है.
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वहीं कार्यक्रम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित साह ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने से दोषसिद्धि की दर बढ़ेगी, जिससे अपराध में कमी आएगी। शाह ने कहा कि नये आपराधिक कानूनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनकी आत्मा भारतीय है और उनका उद्देश्य न्याय प्रदान करना है.
साथ ही शाह ने कहा कि नये कानूनों के लागू होने के बाद कम समय में न्याय सुनिश्चित होगा, दोषसिद्धि की दर अधिक होगी और इसके कारण अपराध दर में कमी आएगी. कार्यक्रम को संबोदित करते हुए शाह ने कहा कि नये कानूनों के लागू होने के 4 माह के अंदर अब तक लगभग 11 लाख से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज हुई हैं और इनमें से 9500 मामलों में फैसला भी आ गया है.
शाह ने कहा कि ये बताता है कि नये कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद कम समय में न्याय मिलेगा, दोषसिद्धि दर ज्यादा होगी जिससे अपराध प्रतिशत में भी गिरावट आएगी. आपको बता दे कि इसके साथ ही शाह ने कहा कि तीन साल में इन कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ये नये कानून दुनिया में ‘‘सबसे बड़ा सुधार’’ साबित होंगे. आपको बता दे कि चंडीगढ़ तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने वाला देश का पहला शहर बन गया है.