Mughal Queen Nur Jahan : मुगलिया सल्तनत पर मुगल बादशाह जहांगीर का एक समय पर राज था। हालांकि बादशाह नशे के बहुत ज्यादा आदी थे। इस वजह से सल्तनत को संभालने के लिए किसी और की जरुरत थी। इसलिए लगभग 16 वर्षों तक मुगल सल्तनत की रानी नूरजहां ने जहांगीर के नाम पर हिंदुस्तान की गद्दी संभाली। नूरजहां, मुगल बादशाह अकबर की बहू थी और शाहजहां की बेगम थी। उन्होंने कुछ ही समय में पूरे हिंदुस्तान की गद्दी संभाली और अपने आप को एक ताकतवर रानी के रूप में स्थापित किया।
मल्लिका-ए-हिंदुस्तान बनने का सफर
साहसी, बहादुर और कुशल राजनेत्री के साथ-साथ नूरजहां (Mughal Queen Nur Jahan) मुगलिया इतिहास की सबसे ताकतवर महिला थी। नूरजहां बहुत साधारण परिवार में बड़ी हुई थी। उनकी पहली शादी वर्ष 1594 में एक पूर्व सिख सरकारी अधिकारी से हुई थी, जो मुगल सरकार में काम करते थे। हालांकि बाद में उनके पति को मार दिया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने जहांगीर के खिलाफ षड्यंत्र रचा हैं।
इस तरह नूरजहां (Mughal Queen Nur Jahan) को मुगलिया सल्तनत में शरण मिल गई। इसके बाद उन्होंने साल 1611 में जहांगीर से शादी की और वो बन गई उनकी 20वीं बेगम। कहा जाता है कि जहांगीर ने अपना साम्राज्य खुद नूरजहां को सौंप था।
सिक्कों पर छपवाया अपना नाम
जहांगीर ने नूरजहां (Mughal Queen Nur Jahan) को सरकारी कामकाज के सभी अधिकार दें दिए थे। धीरे-धीरे नूरजहां की ताकत देश में बढ़ती चली गई और पूरे मुगलिया शासन की कमान उनके हाथ में आ गई। वर्ष 1617 में, उन्होंने चांदी के सिक्कों पर जहांगीर के बगल में अपना नाम छपवाया। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ था जब पुरुषों के वर्चस्ववादी युग में किसी रानी का नाम सिक्कों पर छपा था।