रोजाना बनता है महाप्रसाद
जगन्नाथ धाम (Jagannath Puri Temple Rasoi) की रसोई बहुत बड़ी है, जहां रोजाना 500 रसोइए और 300 के आसपास उनके सहयोगी भगवान को चढ़ाने वाले महाप्रसाद तैयार करते हैं। इसीलिए इस रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई के रूप में जाना जाता है।
मानता के अनुसार, रसोई (Jagannath Puri Temple Rasoi) में बनाए जाने वाले हर एक भोजन का निर्माण माँ लक्ष्मी की देखरेख में किया जाता है। बता दें कि मंदिर में प्रतिदिन 56 भोग का प्रसाद भगवान को लगाया जाता है। भोग की हर एक चीज को रसोइए खुद अपने हाथों से तैयार करते हैं, जो हिन्दू धर्म पुस्तकों के दिशा-निर्देश के आधार पर बनाया जाता है। भोग पूरी तरह शाकाहारी होता हैं। साथ ही उसमें प्याज व लहसुन का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता।
केवल मिट्टी के बर्तनों में बनता है भोग
बता दें कि इस विशाल रसोई (Jagannath Puri Temple Rasoi) में केवल मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल किया जाता हैं। साथ ही पूरा भोग लकड़ी पर पकाया जाता है। इसके अलावा रसोई में मौजूद दो कुएं, जिन्हें गंगा और यमुना के नाम से जाना जाता है। उनसे निकाले गए पाने से ही भोग का निर्माण किया जाता है। रसोई (Jagannath Puri Temple Rasoi) में रोजाना एक हजार लोगों से लेकर बीस लाख लोगों के लिए खाना बनाया जाता है, जिसका एक भी अन व्यर्थ नहीं किया जाता है।