Diwali Shubh Shagun: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक त्योहार हैं दिवाली। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती हैं और उनका स्वागत विधिविधान व पूजा-अर्चना के साथ किया जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि पाने के लिए हर कोई अपने घर की साफ-सफाई से लेकर साज-सजावट में जुट जाता है क्योंकि हर कोई चाहता है कि लक्ष्मी जी उनके घर आए और अपनी कृपा बरसाएं। बता दें कि इस बार दिवाली 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को मनाई जाएगी।
इन चीज़ो के दिखने से चमकेगी आपकी किस्मत
धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि आपको दिवाली के दिन कुछ चीजें दिख जाए तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। इन चीजों के दिखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है व साल भर पैसों की तंगी नहीं रहती। इसी के साथ यह भी कहा जाता है कि इनका दिखना मां लक्ष्मी का घर में आगमन का संकेत होता है।
– केसरिया रंग की गाय के दर्शन
हिंदू धर्म में केसरिया रंग और गाय दोनों का ही बड़ा महत्व है। हिंदूओं में गाय को मां के समान माना जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। बहरहाल शकुन शास्त्र में केसरिया गाय को देवत्व का प्रतीक भी माना गया हैं और अगर दिवाली पर केसरिया गौ माता के दर्शन हो जाते है तो यह समृद्धि का संकेत होता है।
– बिल्ली का घर आना
वैसे तो हिंदू धर्म के मुताबिक बिल्ली का दिखना शुभ नहीं समझा जाता है लेकिन दिवाली के दिन बिल्ली का दिखना बहुत अच्छा माना जाता है। बिल्ली के आने का संकेत, माता लक्ष्मी के आगमन के तौर पर देखा जाता है।
– किन्नर का घर में आना
किन्नर का आशीर्वाद और बद्दुआ दोनों ही बहुत जल्दी लगती है। ऐसे में अगर दिवाली के दिन आपके घर किन्नर आते हैं तो ये एक शुभ संकेत है। किन्नर का घर आना और आपके दिए शगुन के पैसों से एक रुपया निकालकर आपको वापस देना बहुत शुभ होता है।
– छिपकली का दिखना
दिवाली की रात घर में छिपकली का दिखना, मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने का सूचक माना जाता है। इसके दिखने के बाद आपकी किस्मत ही नहीं बल्कि आपके सभी बिगड़े काम भी बन जाएगें।
– छछूंदर नजर आना
छछूंदर अपने साथ पैसे लाने का सूचक लाता है। ऐसे में दिवाली की रात, छछूंदर का दिखना काफी शुभ माना जाता है।
– उल्लू का दिखना
उल्लू, मां लक्ष्मी की सवारी है। ऐसे में अगर दिवाली के शुभ दिन उल्लू दिख जाए है तो माना जाता है कि आपका आने वाला साल बहुत शुभ जाने वाला है।
Disclaimer : सुझायी गयी जानकीर धार्मिक रीति रिवाज के ज्ञान पर आधारित है। लेखक या वेबसाइट इस बात का शतप्रतिशत दावा नहीं करती।