Aghoris : अघोरियों के बारे में जानने के बाद कई लोग चौक जाते है। अपने अतरंगे अंदाज़ के लिए नहीं बल्कि वह कई खौफनाक प्रथाओं को अंजाम देने के लिए भी जाने जाते है। अघोरी बहुत बड़े शिव भक्त होते है। उनके मुताबिक शिवजी की आराधना या भक्ति से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। इसी मोक्ष को ढूंढ़ने के लिए वो अपना पूरा जीवन लगा देते है। अघोरी बाबाओ के हिसाब से मुक्ति पाने के लिए सभी तरह के डर पर काबू पाना बेहद ज़रूरी है और इंसान का सबसे बड़ा डर होता है ‘मृत्यु’ और इसी डर को हराने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते है। उनके मुताबिक इस डर से जीतने का एक ही तरीका है – मरे हुए लोगो का मॉस खाना।
इस कार्य से वो बिलकुल भी नहीं हिचकिचाते क्युकी वो मानते है की हर चीज़ प्रकृति द्वारा ही बनाई गयी है और प्रकृति की दी हुई कोई भी चीज़ ख़राब नहीं हो सकती। अक्सर गंगा में मिलने वाली लाशें अघोरी बहार निकल लेते है और उन्हें नदी किनारे ले जाते है। सबसे पहले वो एक मंत्र का जाप करते है। इसके बाद वो लाश के एक हिस्से को देवी माँ को अर्पण करते है और दूसरे हिस्से को कभी सेक कर या ऐसे ही कच्चा खा लेते है। अघोरी साधु विशेष और अलौकिक धार्मिक प्रथाओं का अंश होते हैं। उनकी विशेषता है उनकी विचारधारा और अनोखे तरीके से धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा को समझाने में। ये साधु अक्सर श्मशान घाटों पर रहते हैं और सामान्य जीवन से अलग तरीके से जीते हैं।
उनकी विचारधारा में तंत्र मंत्र, योग साधना, और अलौकिक शक्तियों का ज्ञान होता है जो कि आम लोगों के लिए अनोखा और अजीब लगता है। उनका आचरण भी सामान्य लोगों के लिए कुछ अलग होता है। उनकी अजीब बातें और व्यवहार अक्सर सामान्य लोगों के लिए अद्भुत, भयंकर और विचलित होती हैं। लेकिन, इन साधुओं का दृष्टिकोण, उनका जीवन और उनकी परंपरा में एक अलग गहरा मतलब छिपा होता है जो केवल उनके धार्मिक दृष्टिकोण से समझाया जा सकता है। उनकी अजीब बातें और व्यवहार उनके आध्यात्मिक ज्ञान और धार्मिक दृष्टिकोण के प्रति उनके समर्पण और विशेषता को दर्शाते हैं।