Hajj Yatra rules & regulations : हर मुसलमान के लिए हज यात्रा को पूरा करना सबाब का काम माना जाता हैं। इस्लाम में इस यात्रा का विशेष महत्व है। इसी वजह से हर वर्ष सऊदी अरब जाने के लिए लाखों लोग आवेदन करते हैं, जिसमें से कुछ ही खुशनसीब लोगों का हज यात्रा का सुख मिलता है। हज यात्रा पर जाने के लिए कई बातों का ध्यान रखना होता है, जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो। आज हम आपको इस आर्टिकल में हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) से जुड़े विभिन्न नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
दूसरे धर्म का व्यक्ति भी जा सकता है यात्रा पर?
आपको बता दें कि हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) पर जाने के लिए सबसे बड़ी ईमान शर्त है कि वह व्यक्ति मुस्लिम होना चाहिए।
हज जाने का क्या है सही समय?
हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) पर जाने का एक तय समय होता है। इस्लामिक कलेंडर के अनुसार 12वें माह की 8वीं से 12वीं तारीख के बीच यात्रा की जाती हैं, जब बकरीद का पर्व आता है। बकरीद से कुछ दिन पहले हज यात्रा शुरू हो जाती है और बकरीद के दिन पूरी होती है।
पूरी यात्रा में कितना समय लगता है?
पूरी हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) में लगभग 40 दिन लगते हैं, जिसमें विभिन्न परंपराओं को पूरा किया जाता है। यात्रा के दौरान 10 दिन मदीने में रहना होता है उसके बाद फिर मक्का जाते हैं। इसके अलावा इसमें कई अलग-अलग जगहों पर भी जाया जाता है लेकिन जो लोग केवल हज के लिए वहां जाते हैं तो वो सिर्फ मुख्य हज यात्रा में भाग लेते हैं।
कितना खर्चा आता है पूरी यात्रा में ?
पूरी हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) में करीब साढ़े तीन लाख रुपये का खर्चा आता है। हालांकि जो लोग प्राइवेट व्यवस्था से वहां जाते हैं उन्हें लगभग 5 लाख रुपये तक का खर्चा उठाना पड़ता है।
हज जाने के क्या है अहम नियम ?
आपको बता दें कि वो शख्स हज यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) पर नहीं जा सकता है, जिस पर किसी का कर्ज होता है। इसके अलावा कर्ज के पैसे और हराम के पैसे से भी कभी हज नहीं की जाती है। कर्ज चुकाने के बाद ही यात्रा की जाती हैं। अगर आप से कोई व्यक्ति नाराज़ है तो उससे माफी मांगने के बाद ही हज पर जाया जाता है।
महिलाओं के लिए क्या है हज के नियम?
महिलाओं को अपने पूरे शरीर को ढककर ही यात्रा (Hajj Yatra rules & regulations) करनी होती है। सफेद रंग के कपड़े के दो टुकड़ों को उन्हें अपने पूरे शरीर पर लपेटना होता है। हज यात्रा के दौरान आदमी और औरत दोनों को सफेद रंग के लिबास पहनने होते हैं।
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