Gurugram : गुरुग्राम स्थित मारुति की सबसे बड़ी एजेंसी, पास्को मोटर्स, के सेक्टर-18 ब्रांच के कर्मचारियों ने दिसंबर महीने का इंसेंटिव न मिलने पर हड़ताल कर दी। नाराज कर्मचारियों ने एजेंसी के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी की नीति के अनुसार, उन्हें अतिरिक्त मेहनत और बेहतर प्रदर्शन के लिए इंसेंटिव दिया जाता रहा है, जो उनके मासिक खर्चों को पूरा करने में मदद करता था।
इंसेंटिव के बिना सैलरी जारी
कर्मचारी अनु यादव और निखिल ने बताया कि 6 जनवरी को दिसंबर महीने की सैलरी जारी की गई, लेकिन इसमें इंसेंटिव शामिल नहीं था। जब इस बारे में पूछताछ की गई, तो एचआर बीपी छिल्लर ने साफ शब्दों में कहा कि कंपनी अब इंसेंटिव नहीं देगी और कर्मचारियों को अपने हिसाब-किताब का निपटारा कर लेना चाहिए। इससे कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया।
कंपनी के प्रॉफिट पर सवाल
कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी अभी भी प्रॉफिट में चल रही है और अचानक घाटे का हवाला देकर इंसेंटिव बंद करना सरासर गलत है। उनका आरोप है कि प्रबंधन द्वारा दी गई यह जानकारी सिर्फ बहानेबाजी है। कर्मचारियों ने मालिक की पत्नी पर भी आरोप लगाए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
पुलिस की दखल
स्थिति बिगड़ती देख पास्को प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने कर्मचारियों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने और एजेंसी के बाहर धरना न देने की सलाह दी। इसके बावजूद, कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनका इंसेंटिव नहीं मिलेगा, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।
कर्मचारियों का भविष्य अधर में
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें इंसेंटिव की वजह से ही घर का खर्च चलाने में मदद मिलती थी। सिर्फ सैलरी से उनका गुजारा मुश्किल है। उनका मानना है कि यह प्रबंधन की ओर से धोखा है, क्योंकि बिना किसी पूर्व सूचना के इंसेंटिव बंद कर दिया गया।
एचआर का अडिग रुख
पत्रकारों के सामने भी एचआर बीपी छिल्लर ने कर्मचारियों को इंसेंटिव देने से इनकार कर दिया। इस रवैये से कर्मचारियों में निराशा और गुस्सा है। उनका कहना है कि वे इंसेंटिव के साथ ही कंपनी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
नतीजा अभी बाकी
कर्मचारियों की हड़ताल और प्रदर्शन के कारण एजेंसी का कामकाज प्रभावित हो रहा है। फिलहाल, प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच बातचीत का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पाया है। अगर यह विवाद जल्द नहीं सुलझा, तो कंपनी की छवि और कामकाज पर गहरा असर पड़ सकता है।