Saturday, December 21, 2024
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सिंधिया और जयराम रमेश में तेज हुई जुबानी जंग, कुछ इस अंदाज में एक-दूसरे पर बरसे दोनों, जानें पूरा मामला.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयरेम रमेश और कांग्रेस के ही एक पुराने साथी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक दूसरे पर निशाना साधते और घेरते हुए नजर आ रहे हैं। जयराम रमेश ने उन्हें ‘गद्दार’ कहा, तो सिंधिया ने भी पलटवार पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की किताब के कुछ अंश साझा कर दिए।

दरअसल, बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा बयान दे दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं बची है। इस कांग्रेस के पास अब केवल एक विचारधारा बची है जो देशद्रोही की है, एक विचारधारा जो देश के खिलाफ काम करती है।

जयराम रमेश ने बोला हमला

इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सिंधिया पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- “क्या वह झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता भूल गए हैं? अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।”

सिंधिया का पलटवार 

इसके बाद सिंधिया ने जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए नेहरू की किताब का जिक्र किया और उनको कविताओं से ज्यादा इतिहास पढ़ने की नसीहत भी दे डाली। सिंधिया ने पूर्व पीएम नेहरू  की Glimpses of World History नामक किताब के अंश साझा किए, जिसमें लिखा था- “”इस प्रकार वे (मराठा) व्यावहारिक रूप से दिल्ली साम्राज्य को विरासत में मिला था। मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे। लेकिन महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद मराठा शक्ति टुकड़े-टुकड़े हो गई।”

आगे उन्होंने एक और अंश साझा किया, जिसमें लिखा था- “मराठों ने 1782 में दक्षिण में अंग्रेजों को हराया। उत्तर में, ग्वालियर के सिंधिया का प्रभुत्व था और दिल्ली के गरीब असहाय सम्राट को नियंत्रित किया।”

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