20 हजार औद्योगिक इकाइयों का कामकाज हो सकता है प्रभावित, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने उठाया सख्त कदम।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली-एनसीआर में शनिवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो जाएगा। इसके तहत हवा की गुणवत्ता बिगड़ने पर पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जाएगा। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसे 15 दिन पहले ही लागू करने का निर्णय लिया है। बीते वर्ष यह 15 अक्टूबर को लागू किया गया था। हालांकि, वायु मानक एजेंसियों के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता औसत श्रेणी में होने की वजह से ग्रैप की पाबंदियां शनिवार से लागू नहीं होंगी।
दिल्ली-एनसीआर में आज से ग्रैप लागू,20 हजार औद्योगिक इकाइयों का कामकाज हो सकता है प्रभावित
दिल्ली एनसीआर में आज ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानि ग्रैप लागू हो गया है आप को बता दे की लागू होने के बाद जिले की 20 हजार औद्योगिक इकाइयों का कामकाज प्रभावित हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में बिजली का विकल्प डीजल जनरेटर है। वायु प्रदूषण बढ़ने पर डीजल जनरेटर पर पाबंदी लगा दी जाएगी। सिर्फ आपातकालीन स्थितियों में इसका इस्तेमाल हो पाएगा। पाबंदियां 200 से ज्यादा एक्यूआई होने पर चरणबद्ध तरीके से लगेंगी।
बता दे की जिले में चल रहीं 95 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयों में बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद डीजल जनरेटर चलाया जाता है। नोएडा की 600 से ज्यादा सोसाइटी बिजली आपूर्ति के विकल्प के रूप में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में कई कार्य प्रभावित होंगे। निर्माण स्थलों पर स्मॉग गन लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा प्राधिकरण की 10 और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चार टीम धूल और धुआं नियंत्रित करने के लिए काम करेंगी। ये टीम औचक निरीक्षण और वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना लगाएंगी। ग्रैप से संबंधित सभी दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, ताकि औद्योगिक इकाइयों सहित अन्य संस्थानों को इसके बारे में जानकारी हो। लोगों से भी वायु प्रदूषण को रोकने की अपील की गई है।
– भवन निर्माण के सभी काम बंद रहेंगे
-ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट आदि बंद रहेंगे
– सुरक्षा, अस्पतालों, मेट्रो ट्रेन आदि का काम जारी रहेगा
– इसमें हाईवे और सड़क के जरूरी काम भी होंगे
450 से ज्यादा- अति गंभीर :
– कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे
– सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया जाएगा
– डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा
– जरूरी सेवा को छोड़ बाकी ट्रकों पर बैन रहेगा