Beggars in India : देश में भिखारियों की संख्या बहुत ज्यादा है जो लगातार बढ़ती जा रहीं है। बता दें की शिक्षण स्तर और प्रमुख गतिविधि के तौर पर गैर कामगारों के आंकड़े चौंकाने करने वाले साबित हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में चार लाख में से 21 प्रतिशत भिखारी साक्षर ही नहीं बल्कि शिक्षित भी हैं। गौरतलब है कि शिक्षित होने के बाद भी ये लोग रोजगार नहीं पा सके जिसकी वजह से ये लोग भीख मांगने के लिए मजबूर है। डिग्रीधारी लागों का भीख मांगना वाकई देश में रोजगार की खराब और गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
इस राज्य में है शिक्षित भिखारियों की संख्या सबसे ज्यादा
देश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या के साथ-साथ शिक्षित भिखारियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो भारत की चिंताजनक स्थिति को दिखाती है। कई शहरों में तो कुछ भिखारी अंग्रेजी बोलने के साथ-साथ स्नातक, उत्तरोस्नातक और डिप्लोमाधारी तक शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक 4,13,670 भिखारियों में से 2,21,673 पुरुष व महिला भिखारियों की संख्या 1,91,997 है। बता दें कि अधिक शिक्षित राज्यों में शिक्षित भिखारियों की संख्या ज्यादा है। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 81244 भिखारी रहते हैं। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में करीब 65 हजार भिखारी है। इसके अलावा बिहार और आंध्रप्रदेश में 30 हजार, मध्यप्रदेश में 28 हजार और राजस्थान में लगभग 26 हजार भिखारी हैं।
कुछ भिखारी नौकरी से बेहतर विकल्प मानते है भीख मांगना
भारत की राजधानी दिल्ली में करीब 23 हजार भिखारी हैं। हालांकि उत्तर पूर्व में महिला भिखारियों की संख्या पुरुषों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। बता दें कि बंगलुरू, में भीख मांगना एक लाभकारी व्यवसाय बनता जा रहा है। यहां के ज्यादातर भिखारी स्नातक पास के साथ-साथ 12वीं पास है। केरल राज्य में ही 42 प्रतिशत भिखारी शिक्षित हैं क्योंकि उनके मुताबिक 9 से 5 बजे तक की नौकरी से बेहतर हैं भीख मांगना और ये शिक्षित भिखारी, नौकरी या अन्य व्यवसाय मिलने के विकल्प पर भी इस काम को नहीं छोड़ना चाहते।