Friday, November 22, 2024
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Amalaki Ekadashi 2023 : आमलकी एकादशी आज, विष्णु जी की पूजा करने से सभी दुःख-दर्द से मिलेगी मुक्ति

Amalaki Ekadashi 2023 : हर वर्ष फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार आमलकी एकादशी का व्रत आज यानि 03 मार्च 2023 को रखा जाएगा। आज भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की विधि-पूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख-दर्द और पापों से मुक्ति मिलती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा हैं। इस योग में पूजा-पाठ करने से मनुष्य को अच्छा फल मिलता है।

आमलकी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

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हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि का आरंभ 2 मार्च 2023 की सुबह 06 बजकर 39 मिनट से हो गया है जिसका समापन आज यानि 3 मार्च की सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा। विष्णु जी की पूजा का शुभ मुहूर्त आज प्रात: काल 06 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 06 मिनट तक है।

इसके अलावा आज आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के दिन तीन शुभ योग भी बन रहे हैं। आज सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: काल 06 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद सौभाग्य योग लग रहा है। जो प्रात: काल से लेकर शाम 06:45 बजे तक रहेगा। जबकि शोभन योग आज शाम 06:45 से लेकर पूरी रात तक रहेगा। जबकि द्वादशी तिथि का समापन 04 मार्च की सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर होगा।

आमलकी एकादशी की पूजा की विधि

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  • आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के दिन प्रात: काल उठ कर स्नान करने के बाद सूर्य देवता की पूजा-अर्चना जरूर करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ आमलकी एकादशी के व्रत का संकल्प लें।
  • आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) व्रत की पूजा करने के लिए भगवान विष्णु की मूर्ती एक चौकी पर स्थापित करें और शुभ मुहूर्त में पूजा करें। साथ ही भगवान का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर उनको वस्त्र, फूल, तुलसी के पत्ते, आंवले के फल, हल्दी, चंदन, अक्षत्, दीप- धूप और नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना करें और उसकी 11 या 21 बार परिक्रमा करते हुए उस पर कच्चा सूत लपेटे। फिर आमलकी एकादशी की व्रत की कथा सुने।
  • पूजा-पाठ करने के बाद विष्णु जी की घी के दीपक से आरती करें। पूजा करने के बाद अपनी क्षमता अनुसार दान-पुण्य दें और दिनभर केवल फल खाएं।
  • बता दें कि व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में ही करें। आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) व्रत के पारण का समय 04 मार्च की सुबह 06:44 से लेकर सुबह 09:03 के बीच है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को रखने से व्यक्ति को एक हजार गायों को दान करने समान पुण्य मिलता हैं।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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